कई अध्ययनों ने बढ़ते वायु प्रदूषण (Air pollution) को इंसानों की सेहत के लिए जानलेवा बताया है।
इसी समस्या पर हुई एक नई खोज ने हवा की स्थिति सुधरने से कई महत्वपूर्ण अंगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की जानकारी दी है।
देखा गया है कि वायु प्रदूषण का किडनी (Kidney) पर काफी विषैला प्रभाव पड़ता है, लेकिन प्रदूषण फैलाने वाले कणों में कमी से किडनी के कार्य में सुधार हो सकता है।
यह जानकारी दी है चीन और यूके के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शोधकर्ताओं ने।
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उन्होंने हवा में प्रदूषण फैलाने वाले फाइन पार्टिकुलेट मैटर्स (Fine particulate matters – PM2.5) की सघनता में कमी से किडनी स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किए है।
PM2.5 प्रदूषण फैलाने में सबसे बड़ा किरदार निभाते है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि सांस के जरिए आसानी से हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते है और सेहत खराब करते है।
शोधकर्ताओं ने चीन की एक स्वास्थ्य स्टडी में भाग लेने वाले पांच हजार से अधिक नागरिकों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया।
देखा गया कि वर्ष 2011 से 2015 के बीच PM2.5 के जोखिम में हुई कमी किडनी कार्यों में बेहतर बदलाव से जुड़ी हुई थी।
टीम ने पाया कि PM2.5 में 10 μg/m3 की कमी से कई किडनी कार्यों में काफी सुधार हुआ।
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इनमें ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (Glomerular filtration rate – GFR) में 0.42 mL/min/1.73m2 की वृद्धि, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन ( Blood urea nitrogen – BUN) में 0.38 mg/dL की कमी, और यूरिक एसिड (Uric acid – UA) में 0.06 mg/dL की कमी प्रमुख थी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, वायु गुणवत्ता में सुधार से जनसंख्या स्वास्थ्य पर पड़ने वाले वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव कम हो सकते है। ,
इससे गुर्दे की बीमारियों के अलावा कार्डियोस्पिरेटरी डिजीज, मेटाबॉलिक डिजीज, मानसिक और तंत्रिका संबंधी विकार तथा चिकित्सा खर्च में कटौती संभव है।
इस स्टडी को हेल्थ डाटा साइंस में प्रकाशित किया गया है।
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