Fasting benefits: अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक ऐसी दवा बनाने की सूचना दी है, जो शरीर में उपवास यानी फास्टिंग के लाभकारी प्रभाव पैदा करती है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंसर (Cancer) के इलाज के लिए बनी यह दवा ट्यूमर को ऊर्जा पहुंचाने से रोकती है। फलस्वरूप, ऊर्जा न मिलने से ट्यूमर कोशिकाएं स्वयं को ही खाने लगती है।
यही नहीं, इससे पूरे शरीर का मेटाबॉल्ज़िम भी सुधारता है, जिससे मोटापा घटता है और वजन नियंत्रण में रहता है। शरीर पर ऐसा ही असर उपवास रखने से भी होता है।
सेंट लुइस के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में बनी यह दवा अभी तक चूहों पर सफलतापूर्वक आज़माई गई है।
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रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने चूहों के दो ग्रुप पर इस दवा का परीक्षण किया है।
पहले ग्रुप में जन्मजात मोटापा ग्रस्त चूहें थे और दूसरे में ज्यादा चिकनाई और चीनी खिलाकर मोटे किए गए।
दोनों तरह के चूहों का ADI-PEG 20 (Pegylated arginine deiminase) दवा से उपचार करने पर उनके इंसुलिन और कोलेस्ट्रॉल में सुधार सहित लिवर में मौजूद फैट तथा शरीर की सूजन कम हुई।
इसके अतिरिक्त, दवा के उपचार ने उन्हें दोनों ग्रुप के चूहों का वजन भी कम करके नियंत्रित कर दिया।
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विशेषज्ञों के मुताबिक, ये दवा खून में अमीनो एसिड आर्जिनिन की मदद से कैंसर कोशिकाओं को ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत तक नहीं पहुंचने देती।
ऊर्जा न मिलने के कारण कैंसर कोशिकाएं फास्टिंग अवस्था में चली जाती है और अपने अंदर जमा सेलुलर ऊर्जा को इस्तेमाल करना शुरू कर देती है। इससे मेटाबॉलिज्म और वजन में सुधार आना शुरू हो जाता है।
इस दवा को सारकोमा, ब्रैस्ट और पैंक्रिअटिक कैंसर सहित कई और कैंसरों की रोकथाम के लिए टेस्ट किया गया है।
फास्टिंग बढाकर मेटाबॉलिज्म सुधारने वाली इस दवा को कीमोथेरेपी और कैंसर दवाओं के मुकाबले अधिक सुरक्षित माना जा रहा है।
भविष्य में विशेषज्ञ दल अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों के पाचन तंत्र और वजन सुधारने में इस दवा को आज़माने का इच्छुक बताया गया है।
यह सूचना सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुई है।
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