Smoking harms brain health: सिगरेट पीने से मस्तिष्क स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है, ऐसा एक हालिया स्टडी के नतीजे बताते है।
नतीजों में हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से परे अकेले स्मोकिंग से ही मानसिक सेहत पर नकारात्मक असर देखे गए है।
जल्द ही ये नतीजे अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के अंतर्राष्ट्रीय स्ट्रोक सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाएंगे।
स्टडी में शामिल स्मोकिंग करने वालों के खून में सिगरेट के निकोटीन (Nicotine) से निकले एक केमिकल का मानसिक क्षमता में गिरावट से लिंक उजागर हुआ है।
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दरअसल, हाई बीपी या टाइप 2 डायबिटीज दोनों ही सोचने, समझने और याददाश्त को कम करते है।
लेकिन स्टडी में निकोटीन से निकले केमिकल कोटिनिन (Cotinine) के उच्च स्तर और कम मानसिक क्षमता पर इन दोनों का प्रभाव पड़ते नहीं देखा गया – यानी स्मोकिंग अकेले ही दिमागी कार्यों को बाधित कर सकती है।
बता दें कि कोटिनिन एक रसायन है जिसे इंसानी शरीर निकोटीन के संपर्क में आने के बाद बनाता है। निकोटीन की तुलना में यह अधिक समय तक खून में रहता है।
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने औसतन 69 वर्षीय तीन हजार से ज्यादा वयस्कों के स्वास्थ्य आकंड़ों का विश्लेषण किया था। उनमें से 77 प्रतिशत को हाई बीपी और 24 प्रतिशत को टाइप 2 डायबिटीज थी।
अध्ययन में शामिल लोगों को मानसिक कुशलता से जुड़े चार परीक्षणों से गुजरना पड़ा।
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शोधकर्ताओं ने खून में उच्च कोटिनिन की मात्रा वाले डायबिटीज या बीपी के शिकायतकर्ताओं को ध्यान, तेजी से सोचने, निर्णय लेने और याददाश्त संबंधित कार्यों में पिछड़ा हुआ पाया।
नई स्टडी इस धारणा को पक्का करती है कि स्मोकिंग मस्तिष्क के स्वास्थ्य में गिरावट सहित हृदय रोग जोखिम को भी काफी हद तक बढ़ा सकती है।
इससे बचने के लिए विशेषज्ञों ने सभी उम्र वालों को किसी भी तरह की स्मोकिंग तुरंत छोड़ने की सलाह दी है।