Magnetic seeds for cancer treatment: ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक नई थेरेपी विकसित की है।
इस थेरेपी में मस्तिष्क के ट्यूमर को गर्म करके नष्ट किया जाता है। चिकित्सा में एक एमआरआई स्कैनर द्वारा निर्देशित एक चुंबकीय सुई की मदद ली गई है।
चूहों पर प्रयोग की गई इस थेरेपी को ‘मिनिमली इनवेसिव इमेज-गाइडेड एब्लेशन’ (Minimally Invasive Image-Guided Ablation – MINIMA ) कहा गया है।
नई चिकित्सा में बिना स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचाए ट्यूमर का सटीक उपचार करके पारंपरिक दुष्प्रभावों से बचाने की क्षमता है।
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चिकित्सा के दौरान मस्तिष्क की कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दूर से ही गर्म की गई एक चुंबकीय सुई को एक एमआरआई स्कैनर ट्यूमर तक पंहुचाने में मदद करता है।
ट्यूमर में घुस कर गर्म चुंबकीय सुई आसपास के स्वस्थ ऊतकों को सीमित नुकसान पहुंचाते हुए कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देती है।
रिसर्च के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नवीन चिकित्सा पद्धति से ग्लियोब्लास्टोमा (Glioblastoma) के अलावा प्रोस्टेट जैसे अन्य कैंसर का भी सटीक और प्रभावी उपचार संभव है।
बता दें कि ग्लियोब्लास्टोमा एक प्रकार का आक्रामक कैंसर है, जो मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में हो सकता है।
चिकित्सा में इस्तेमाल गोलाकार फेरोमैग्नेटिक थर्मो सीड या सुई का आकार 2 मिमी और मिश्र धातु से बना बताया गया है। कैंसर में जाने से पहले उन्हें सतही रूप से टिश्यू में हल्के से प्रत्यारोपित किया जाता है।
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चूंकि यह उपचार सटीक रूप से और ओपन सर्जरी किए बिना होता है, इसलिए मरीज की रिकवरी जल्द और कम साइड इफेक्ट वाली हो सकती है।
रिसर्च की सबसे खास बात में अस्पतालों में मौजूद एमआरआई स्कैनर को डायग्नोस्टिक डिवाइस से चिकित्सीय प्लेटफॉर्म तक लाने की अहम क्षमता रही है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के विशेषज्ञों द्वारा किया गया यह अध्ययन एडवांस्ड साइंस में प्रकाशित हुआ है।
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