Side Effects of Worrying: एक रिसर्च में 40 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों को चिंताग्रस्त रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बताया गया है।
बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के खोजकर्ताओं ने 40 साल तक मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों पर नज़र रखने के बाद यह स्वास्थ्य-संबंधी चेतावनी दी है।
जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट में, अक्सर चिंतित या अत्यधिक संवेदनशील पुरुषों में उनके कम चिंतित साथियों की अपेक्षा मोटापे, हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे हृदय रोग जोखिमों की वृद्धि अधिक देखी गई है।
यह खतरा उम्र बढ़ने के साथ-साथ गहराता जाता है।
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इस बारे में शोधकर्ताओं को ज्यादा जानकारी अस्पताल में भर्ती हुए एक हजार से अधिक मध्यम आयु वाले और बुजुर्ग मरीजों के हेल्थ रिकॉर्ड से मिली। उनकी यह जांच वर्ष 1975 से 2015 तक जारी रही।
कुल मिलाकर, पुरुषों ने 33 से 65 वर्ष की आयु तक हार्ट अटैक या स्ट्रोक बताने वाले कुछ जोखिम विकसित किए।
ये जोखिम सभी उम्र के ज्यादा गुस्सैल, चिंतित, चिड़चिड़े, भावनात्मक अस्थिर और डिप्रेशन वाले पुरुषों में उच्च स्तर के थे।
उम्र बढ़ने पर ज्यादा चिंतित और तनावग्रस्त पुरुषों में अन्यों की अपेक्षा छः या अधिक जोखिमों के विकसित होने की संभावना क्रमश:10 और 13 फीसदी अधिक थी।
हालांकि, अध्ययन ने यह विश्लेषण नहीं किया कि दिल से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को चिंता का इलाज कम कर सकता है या नहीं।
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इन स्वास्थ्य जोखिमों से बचने के लिए नियमित डॉक्टरी जांच और बचाव उपाय अपनाना ही लाभकारी बताया गया है।
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