Disasters impact on mental health: अक्सर कहा जाता है कि बार-बार मुसीबतों का सामना करने से हम मजबूत होते है। हालांकि, एक नई स्टडी ने इस धारणा को सिरे से नकार दिया है।
टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि उल्टा मुसीबतों के बार-बार संपर्क में आने से हम मानसिक रूप से कमजोर होते जाते है।
उनकी स्टडी में, लगातार बड़ी आपदाओं का सामना करने वाले इंसानों के मानसिक स्वास्थ्य में कमी पाई गई है।
वैज्ञानिकों के दल ने पाया कि इस तरह की घटनाओं के गहरे असर से झेलने वालों का मानसिक स्वास्थ्य कमतर होता जाता है।
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ज्यादा जानकारी के लिए उन्होंने ह्यूस्टन के उन व्यक्तियों की जांच की, जिन्होंने अपने जीवन में कई बार तूफान, सर्द मौसम, सूखा और बाढ़ सहित औद्योगिक आपदाओं और केमिकल रिसाव को झेला था।
उन पर किए कुछ सर्वेक्षणों के दौरान टीम ने पाया कि जिन व्यक्तियों ने पिछले पांच वर्षों में दो या अधिक खतरनाक घटनाओं का सामना किया था, उनका मानसिक स्वास्थ्य स्कोर औसत स्तर से भी नीचे गया हुआ था।
नेचुरल हैजर्ड्स जर्नल में प्रकाशित स्टडी के नतीजों में विपत्तियों को झेलने से मानसिक स्वास्थ्य के लंबे समय तक प्रभावित रहने की जानकारी दी गई है।
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