Arterial stiffness in postmenopausal women: एक नए शोध में जानकारी दी गई है कि उम्र बढ़ने के बाद पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में रक्त वाहिकाएं (Blood vessels) सख्त हो जाती है।
फ़िनलैंड की युवास्कुले यूनिवर्सिटी में हुए इस अध्ययन में उम्र को धमनी कठोरता (Arterial stiffness) से जुड़ा एक मजबूत निर्धारक पाया गया है।
इसके अलावा, महिलाओं में हार्मोन की भूमिका, मासिक धर्म चक्र, गर्भनिरोधक गोलियां और रजोनिवृत्ति अवस्था भी धमनी कठोरता से जुड़े हुए बताए गए है।
उम्र बढ़ने पर धमनियां लचीलापन खो देती है और सख्त हो जाती है। यह स्थिति कार्डियोवैस्कुलर रोग पैदा करती है, जो पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में मृत्यु का एक प्रमुख कारण होता है।
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इस अध्ययन में 19 से 58 साल की महिलाओं को शामिल किया गया था। देखा गया कि महिलाएं जितनी बड़ी उम्र की थीं, उनकी धमनियां उतनी ही सख्त थीं।
ब्लड सैंपल से वैज्ञानिकों ने पाया कि हार्मोन में बदलाव भी धमनी में कठोरता को बढ़ाता है।
यह भी पाया गया कि मेनोपोज के समय हार्मोन संबंधी गोलियां लेने के दौरान धमनी में ज्यादा लचीलापन होता है, जबकि मेनोपोज के बाद हार्मोन थेरेपी से धमनी कठोर होती है।
हालांकि, उम्र हार्मोन के स्तर की तुलना में अधिक कठोरता लाने का काम करती है।
इस प्रभाव को कम करने में एक्सरसाइज और आहार संबंधी आदतों में बदलाव लाभदायक पाया गया है।
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फ्रंटियर्स इन एंडोक्रिनोलॉजी में उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में आने वाली धमनी कठोरता को नियंत्रित करने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज, स्वस्थ भोजन और वजन कम करने की आवश्यकता बताई गई है।
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