Gestational diabetes mellitus in pregnancy: देखा गया है गर्भावस्था के दौरान शुगर की बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन खान-पान में सावधानी बरतने से यह खतरा कम हो सकता है।
फ़िनलैंड के वैज्ञानिकों ने अपने हालिया अध्ययन में पता लगाया है कि शरीर की सूजन को कम करने में सहायक स्वस्थ आहार गर्भावधि डायबिटीज (Gestational diabetes mellitus) के जोखिम को कम कर सकता है।
मोटापा ऐसी शुगर के विकास में एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। गर्भवती महिलाओं की बढ़ती संख्या अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त रहती है। ऐसे में, आहार संबंधी आदतों का मोटापे और गर्भकालीन डायबिटीज की शुरुआत दोनों पर प्रभाव पड़ता है।
फिनलैंड की टुर्कु यूनिवर्सिटी और अस्पताल में हुए माताओं-बच्चों के अध्ययन में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त 351 महिलाओं के आहार और गर्भकालीन डायबिटीज की शुरुआत के बीच संबंध की जांच की गई थी।
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विशेषज्ञों ने महिलाओं दवारा लिए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी उनके स्वस्थ और अस्वास्थ्यकर आहार आदतों से प्राप्त की।
शोध के परिणामों ने बताया कि प्रारंभिक गर्भावस्था में स्वस्थ आहार लेने से गर्भकालीन डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। इसके विपरीत, शरीर की सूजन को बढ़ाने वाले खराब आहार से यह खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, ज्यादा चिकनाई विशेष रूप से मक्खन, क्रीम, घी जैसे सैचुरेटेड फैट की अधिक खपत शुगर की बीमारी से जुड़ी हुई मिली है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं के लिए सब्जियां, फल, और साबुत अनाज से बने उत्पादों के साथ-साथ अनसैचुरेटेड फैट खाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ये पोषक तत्व और खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को कम करके गर्भकालीन शुगर के खतरे को घटाते है।
यूरोपीय जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन में, गर्भावस्था से पहले ही अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त माताओं को ऐसा आहार लेने से प्रारंभिक गर्भावस्था में सबसे अधिक लाभ होने की जानकारी दी गई है।
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