वैज्ञानिकों ने वेजीटेरियन (Vegetarians) और वेगन डायट (Vegan diet) लेने वालों के लिए एक बुरी खबर दी है।
यूके के क्वाड्राम इंस्टीट्यूट में हुई हालिया रिसर्च के बाद शाक-सब्जियों वाला भोजन ज्यादा खाने वालों में विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 deficiency) से उत्पन्न खतरों का विकास देखा गया है।
रिसर्च करने वालों का मानना है कि वेजीटेरियन और वेगन डायट वाले इंसानों में विटामिन बी 12 की कमी एक शांत महामारी की तरह बढ़ रही है।
आधुनिक समाज में पर्यावरण, पशु कल्याण और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए मांसाहार की जगह पौधों पर आधारित आहार काफी अधिक लोकप्रिय हो रहा है।
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लेकिन वैज्ञानिकों को आशंका है कि पशु आधारित खाद्य पदार्थों जैसे दूध, अंडे, मछली या मांस को आहार से एकदम निकाल देने से विटामिन बी12 की भयंकर कमी हो जाएगी।
स्टडी में शाकाहारी लोगों में विटामिन बी12 की कमी होने का खतरा बहुत अधिक पाया गया है।
अनुमान है कि शाकाहारियों में इस विटामिन की 40 प्रतिशत और शाकाहारी गर्भवती महिलाओं में 62 प्रतिशत तक कमी होती है।
बता दें कि विटामिन बी12 एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, ऊर्जा, मेटाबॉलिज़्म और नर्वस सिस्टम कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन पौधों में नहीं पाया जाता है।
विटामिन बी-12 की कमी वालों को कई तरह की परेशानी हो सकती है। इससे मानसिक समस्याएं, हड्डी और जोड़ों से जुड़ी परेशानी और एनीमिया का खतरा बढ़ता है।
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सामान्य लक्षणों में अत्यधिक थकान, सुस्ती, सांस फूलना, बेहोशी महसूस करना, सिरदर्द, पीली त्वचा, दिल की अनियित धड़कनें, भूख न लगना और वजन कम होना आदि शामिल है।
ऐसी समस्याएं न केवल बड़ों बल्कि गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए भी चिंताजनक है।
इससे बचने के लिए वैज्ञानिकों ने वेजीटेरियन और वेगन डायट वालों को भोजन के साथ रोजाना 4-7 माइक्रोग्राम विटामिन बी12 युक्त सप्लीमेंट लेने की सलाह दी है।
इसके अलावा, शाकाहारी गर्भवती या स्तनपान करवाने वाली माताओं और 60 से अधिक उम्र वालों को विटामिन बी12 की जांच करवाकर विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।