हाल ही में हुई एक स्टडी ने एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercise) को लीवर की सेहत (Liver health) के लिए जरूरी बताया है।
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई इस स्टडी ने हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High-intensity interval training- HIIT) या मॉडरेट इंटेंसिटी की लगातार की जाने वाली एरोबिक एक्सरसाइज से नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-alcoholic fatty liver disease) में सुधार होने की जानकारी दी है।
बता दें कि इस बीमारी में लिवर कोशिकाओं में ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाता है, जिससे सिरोसिस (Cirrhosis) और लीवर कैंसर का खतरा भी उत्पन्न होता है।
मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज आदि इस बीमारी की आशंका बढ़ा सकते है।
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प्रभावी उपचारों की कमी के कारण डॉक्टर ज्यादातर मरीजों को दवाओं के साथ-साथ वजन घटाने की सलाह भी देते है।
इस बारे में ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 28,000 से अधिक अध्ययनों की जांच की, जिनमें से 19 अध्ययनों को महत्वपूर्ण पाया गया।
विश्लेषण से पता चला कि उपरोक्त दोनों तरह की एक्सरसाइज करने वालों के लीवर में जमा चर्बी महत्वपूर्ण ढंग से घटती देखी गई। हालांकि, HIIT को कम समय और ऊर्जा खर्च के बावजूद ज्यादा प्रभावी पाया गया।
नतीजों से वैज्ञानिकों में आशा जगी कि फैटी लीवर के मरीजों द्वारा रोजाना एक्सरसाइज करने से उनका लीवर स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित यह स्टडी, लीवर की चर्बी पर एरोबिक एक्सरसाइज के प्रभाव को निर्धारित करने वाली पहली समीक्षा बताई गई है।