Heart attack in winter: गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में दिल की बीमारियों का जोखिम ज्यादा देखा गया है।
स्वीडन में दो लाख से ज्यादा लोगों पर हुई एक स्टडी के नतीजे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बर्फ जमा देने वाले तापमान के समय ज्यादा बताते है।
ऐसे में सर्दियों के दौरान तापमान की गिरावट के चलते स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, अनियमित धड़कनों और अन्य दिल संबंधी विकारों का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
इस बारे में कई कार्डियोलॉजिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि शरीर और बाहरी वातावरण के तापमान में अंतर आने से हमारे खून की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है, जिससे हृदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य प्रभावित होते है।
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इस कारण सबसे गर्म महीनों की तुलना में वर्ष के सबसे ठंडे महीनों में दिल के दौरे में 31 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
यही नहीं, कई अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक ठंड की स्थिति में स्ट्रोक होने का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। खासकर, तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे चले जाने पर।
जैसे-जैसे तापमान गिरता है, रक्त वाहिकाएं कसती जाती है और गर्म रहने में मदद करने के लिए खून तेजी से शरीर में दौड़ता है। यही कारण है कि ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर अक्सर अधिक होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मियों में पसीने के माध्यम से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, लेकिन सर्दियों में ऐसा नहीं हो पाता। इस कारण, सर्दियों के दौरान नमक और पानी की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है, जिससे खून की मात्रा अधिक हो जाने पर ब्लड प्रेशर और दिल के दौरे में वृद्धि हो सकती है।
दूसरे, सर्दियों में ज्यादा खाने से बढ़ी हुई कैलोरी और घटी हुई शारीरिक गतिविधि भी शरीर पर हावी रहती है।
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इससे वजन बढ़ने और नसों में परिवर्तन सहित शरीर में असंख्य शारीरिक उतार-चढ़ाव हो सकते है। ये परिस्थितियाँ खून का थक्का बनने और दिल के दौरे का खतरा उत्पन्न कर सकती है।
खून के प्रवाह में कठिनाई आने से यह खतरा बुजुर्गों, शराबियों, सिगरेट-बीड़ी पीने वालों और सुस्त इंसानों में अधिक पाया गया है।
सर्दियों में विटामिन डी की कमी भी हृदय रोग में योगदान देती है। इसके अलावा, अत्यधिक वायु प्रदूषण स्तर भी सर्दियों के दौरान हार्ट अटैक के बढ़ने का प्रमुख कारण है।
सावधानियों के बारे में बात करते हुए विशेषज्ञों ने ठंड के संपर्क में कम आने, अत्यधिक शराब के सेवन से बचने और बंद कमरों में कोयला जलाने या दोषपूर्ण हीटिंग उपकरण नहीं चलाने की सलाह दी है।
उन्होंने नियमित एक्सरसाइज करने और ब्लड प्रेशर, शुगर तथा कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच को भी सर्दियों में दिल और मस्तिष्क स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उपयुक्त माना है।
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