योग प्रोस्टेट कैंसर (Yoga in prostate cancer) के मरीजों को तनावपूर्ण स्थिति से निकालकर उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकता है, ये मानना है अमेरिकी यूरोलॉजिस्ट का।
प्रॉस्टेटेक्टोमी (Prostatectomy) की प्रतीक्षा कर रहे 56 से 60 वर्ष के 29 पुरुषों पर हुई एक रिसर्च से, यूरोलॉजी रिसर्चर्स को योग के प्रभावी असर देखने को मिले।
बता दें कि प्रॉस्टेटेक्टोमी कैंसर या गंभीर मूत्र संबंधी समस्याओं के कारण प्रोस्टेट को हटाने वाली आवश्यक सर्जरी हो सकती है।
टेक्सास हेल्थ सेंटर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने 14 पुरुषों को छह सप्ताह के लिए हफ्ते में कम से कम दो बार 60 से 75 मिनट के लिए योगासन करवाए। जबकि सर्जरी की प्रतीक्षा कर रहे अन्य 15 पुरुषों को सामान्य देखभाल मुहैया करवाई गई।
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एक प्रश्नावली के माध्यम से रिसर्च टीम ने योग की शुरुआत में, सर्जरी के समय और सर्जरी के बाद पुरुषों के जीवन की कथित गुणवत्ता का पता किया। योग न करने वाले पुरुषों ने भी समान प्रश्नावली भरी।
पुरुषों के योग शुरू करने से पहले और सभी सत्र पूरे होने के बाद टीम ने उनके और योग नहीं करने वालों के रक्त के नमूनों की जांच की।
दिलचस्प बात थी कि योग ने सामान्य देखभाल वालों की तुलना में जीवन की गुणवत्ता ज्यादा सुधारी।
योग करने वाले को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक आराम ज्यादा था। उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक मजबूत थी और बीमारी वाली सूजन निचले स्तर पर थी।
रिसर्च टीम ने इन नतीजों पर प्रसन्नता जताते हुए आगे बड़े पैमाने पर अध्ययन की आवश्यकता बताई है।
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अमेरिकन कैंसर सोसाइटी और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, साल 2020 में दुनिया भर में अनुमानित 14 लाख पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर हुआ था।
प्रोस्टेट कैंसर ग्रस्त पुरुषों में डिप्रेशन और चिंता की लगभग 30 फीसद घटनाएं देखने को मिली है। यही नहीं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने का चार गुना और आत्महत्या करने का दो गुना अधिक खतरा होता है।
रिसर्च को प्रोस्टेट कैंसर और प्रोस्टेटिक डिजीज पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।