उचित आहार (Diet) संबंधी सलाह कूल्हे के फ्रैक्चर (Hip Fracture) के मामलों को कम कर सकती है, ये कहना है एक नए अध्ययन का।
अध्ययन करने वाले लीड्स के शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि कई तरह के भोजन में कूल्हे के फ्रैक्चर (Hip Fracture) के जोखिम को कम करने या बढ़ाने की क्षमता होती है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अभी ठोस रिसर्च की आवश्यकता है।
बता दें कि हिप फ्रैक्चर कमजोर हड्डियों वाले बुजुर्गों और महिलाओं को परेशान करने वाली सबसे आम गंभीर चोट है।
इसकी रोकथाम वाले वर्तमान दिशानिर्देश मुख्य रूप से भोजन और सप्लीमेंट के माध्यम से कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन लेने की सलाह देते है।
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लेकिन अभी भी इस चोट से बचाने वाली आहार संबंधी सिफारिशों को लागू करने के पर्याप्त सबूत नहीं है।
लीड्स की शोध टीम ने विभिन्न खाद्य पदार्थों, पोषक तत्वों और आहार का कूल्हे के फ्रैक्चर के जोखिम पर असर देखने के लिए 34 बड़े विश्लेषणों के साथ 16 समीक्षाओं का आंकलन किया।
उन्होंने फलों और सब्जियां के सेवन को हिप फ्रैक्चर के खतरे को लगभग 8 प्रतिशत तक कम करने में मददगार पाया।
इसके अलावा, हरे पत्तों वाली सब्जियां, दूध, दही, मछली आदि भी असरदार मिले। इसके विपरीत, भारी शराब और विटामिन ए की अधिकता फ्रैक्चर के लिए हानिकारक देखे गए।
ताज्जुब की बात थी कि पिछले अध्ययनों में हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक अधिकांश डेयरी उत्पादों और कैल्शियम सहित अन्य खाद्य पदार्थों या पोषक तत्वों का फ्रैक्चर ठीक करने में कोई प्रभाव नहीं देखा गया।
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यह देखते हुए उन्होंने आहार आधारित उच्च गुणवत्ता वाले अध्ययनों के माध्यम से हिप फ्रैक्चर रोकथाम की बात कही है। इससे हर साल अधिक संख्या में हिप फ्रैक्चर का शिकार होने वाले बुजुर्गों को फायदा मिलेगा।
वैज्ञानिकों की ये रिपोर्ट पीएलओएस वन पत्रिका में छपी थी।
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