Osseosurface electronics device to monitor bones: मेडिकल साइंस में आए दिन ऐसे चमत्कार होते रहते है जिसे सुनकर लोग कह उठते है – भला कहीं ऐसा भी होता है?
ऐसा ही अनोखा चमत्कार किया है एरिज़ोना यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने। उन्होंने ऐसा महीन वायरलेस डिवाइस बनाया है, जिसे शरीर की हड्डियों पर लगाकर उनकी सेहत की निगरानी की जा सकती है।
डिवाइस ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों से जूझते फ्रैक्चर के मरीजों को विशेष तौर पर फायदा पहुंचने वाला बताया गया है। ऐसे मरीज दिल के दौरे, स्तन कैंसर या प्रोस्टेट कैंसर वालों की अपेक्षा अस्पताल में अधिक दिन बिताते है।
इसकी निर्माता टीम को आशा है कि भविष्य में चिकित्सक इससे फ्रैक्चर हड्डी के स्वास्थ्य, दवा की मात्रा और उपचार में प्रगति की जानकारी ले सकते है।
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ऑसियोसर्फेस इलेक्ट्रॉनिक्स (osseosurface electronics) नामक बैटरी रहित यह डिवाइस एक कंप्यूटर की तरह हड्डी से चिपका हुआ उसकी सारी हरकतों को नोट करता जाता है।
अभी यह केवल जानवरों पर ही टेस्ट किया गया है और मनुष्यों में परीक्षण की अनुमति नहीं मिली है।
हड्डियों से मासपेशियां और अन्य ऊतक चिपके रहने के कारण डिवाइस को बहुत ही पतला बनाया गया है, ताकि शरीर पर किसी भी तरह का कोई नकारात्मक असर न पड़े।
डिवाइस को हड्डियों से चिपकाने के लिए ऐसी गोंद बनाई गई है, जिसमें हड्डी की कोशिकाओं के समान ही कैल्शियम कण होते है। इससे यह हड्डी संग लंबे समय तक आसानी से बना रहता है।
एक डॉक्टर उपचार प्रक्रिया देखने के लिए डिवाइस को फ्रैक्चर हड्डी से जोड़ सकता है। उसे यह जानना में मदद मिलेगी कि हड्डी कितनी जल्दी और कितनी अच्छी तरह ठीक हो रही है तथा प्लेट, रॉड या स्क्रू को कब निकालना है।
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टीम का मानना है कि हड्डियों के उपचार में तेजी लाने या हड्डियों के घनत्व में सुधार के लिए दी जाने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते है।
ऐसे में, हड्डी की करीबी निगरानी से चिकित्सकों को दवा की एक निश्चित मात्रा तय करने में भी मदद मिल सकती है।
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक पेपर में, यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों और इंजीनियरों की टीम द्वारा बनाए गए इस वायरलेस हड्डी डिवाइस के बारे में विस्तार से पढ़ा जा सकता है।
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