यह जगजाहिर है कि सूर्य (Sun) से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें (Ultraviolet rays) त्वचा कैंसर (Skin cancer) करती है।
इससे बचने के लिए लंबी आस्तीन के कपड़े पहनना, तेज धूप में छाता लेकर निकलना या सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
लेकिन ऐसा माना जाता है कि इन सुझावों पर अमल करने से शरीर को मिलने वाला विटामिन डी कम (Vitamin D deficiency) होगा, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती है।
इस धारणा की सच्चाई का पता लगाया है अमेरिका के रोचेस्टर स्थित मेयो क्लिनिक में कार्यरत त्वचा विशेषज्ञों ने।
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उन्होंने सरकार द्वारा जारी सूर्य-सुरक्षात्मक व्यवहार से जुड़े कुछ आंकड़ों का विश्लेषण किया। ये आंकड़े 40 वर्ष की औसत आयु के 3400 से अधिक अमेरिकियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर आधारित थे।
जवाब देने वालों में से लगभग 32 प्रतिशत ने त्वचा कैंसर से बचने के लिए छाया में रहने की, लगभग 12 प्रतिशत ने लंबी आस्तीन पहनने और लगभग 26 प्रतिशत ने सनस्क्रीन लगाने की बात मानी।
विशेषज्ञ टीम ने सभी लोगों की हड्डियों के खनिज घनत्व (Bone mineral density) परीक्षणों और ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ी फ्रैक्चर घटनाओं की रिपोर्ट जांची।
नतीजों में सूर्य के प्रति सुरक्षात्मक व्यवहार अपनाने को हड्डियों के खनिज घनत्व में कमी या ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा नहीं पाया गया।
इस कारण टीम का मानना था कि सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सनस्क्रीन या अन्य सुरक्षात्मक उपाय हड्डियों के निर्माण में सहायक विटामिन डी की शरीर में कमी नहीं करते।
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अध्ययन हाल ही में जामा डर्मेटोलॉजी में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया था।
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