Sleep timing and heart disease: एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने सोने के समय और हृदय रोग के बीच अनोखा संबंध खोजा है।
स्टडी करने वाले यूके की एक्सेटर यूनिवर्सिटी के खोजकर्ताओं के अनुसार, रात 10 से 11 बजे के बीच सोने की अपेक्षा पहले या बाद में सोने से हृदय रोग विकसित होने का खतरा बढ़ता है।
ऐसा शरीर की 24 घंटे वाली आंतरिक घड़ी, जिसे सर्कैडियन रिदम (Circadian rhythm) कहा जाता है, के प्रभाव से संभव बताया गया है। इसकी वजह से ही शारीरिक और मानसिक कामकाज नियंत्रित होते है।
अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि जल्दी या बहुत देर से सोने पर शरीर की घड़ी के बाधित होने की संभावना अधिक होती है। फलस्वरूप, हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकते है।
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यह जानकारी 88 हजार से ज्यादा इंसानों की निगरानीं से प्राप्त हुई है। कलाई में पहने जाने वाले एक्सेलेरोमीटर का उपयोग करके उनके सोने-जागने के अलावा एक प्रश्नावली से हृदय रोग और लाइफस्टाइल संबंधित डाटा जुटाया गया था।
तक़रीबन 6 वर्षों तक उनकी जांच के बाद पता चला कि आधी रात या बाद में सोने वालों को दिल की बीमारियां होने की संभावना सबसे अधिक और रात 10 से 11 बजे तक सोने वालों को सबसे कम थी।
वैज्ञानिक दल ने आधी रात या बाद में नींद आने पर हृदय रोग का जोखिम 25 फीसदी, 11 से 12 बजे तक 12 फीसदी और रात 10 बजे से पहले सो जाने पर 24 फीसदी अधिक बताया है।
ताज्जुब की बात थी कि ऐसा जोखिम पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग देखने को मिला।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को 10 बजे से पहले सोने पर कार्डियोवैस्कुलर जोखिम अधिक था। हालांकि, महिलाओं में नींद और हृदय रोग के बीच मजबूत संबंध के कारण स्पष्ट नहीं हुए।
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यूरोपियन हार्ट जर्नल-डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन, नींद के समय को दिल की बीमारियों का एक संभावित जोखिम कारक मानता है।
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