Vegetable oils reduce stroke risk: मांस के सैचुरेटेड फैट से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, ऐसा एक नई स्टडी का कहना है।
हालांकि, वेजिटेबल ऑयल यानी वनस्पति तेल से मिलने वाले पॉलीअनसेचुरेटेड फैट को स्ट्रोक घटाने में असरदार पाया गया है।
इसके अलावा, पनीर, मक्खन, दूध, आइसक्रीम और क्रीम जैसे उत्पाद स्ट्रोक का जोखिम नहीं बढ़ाते है।
अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की इस विशाल स्टडी को वनस्पति, डेयरी और गैर-डेयरी पशु स्रोतों से प्राप्त चिकनाई की स्ट्रोक में भूमिका जानने वाला पहला प्रयास बताया गया है।
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स्टडी के नतीजे, स्ट्रोक सहित हृदय रोग की रोकथाम में विभिन्न खाद्य स्रोतों से मिलने वाली चिकनाई को रोजाना की कुल मात्रा से अधिक महत्वपूर्ण मानते है।
इस जानकारी के लिए 27 वर्षों तक 50 की उम्र वाले एक लाख से अधिक पुरुषों और महिलाओं के स्वास्थ्य का विश्लेषण किया गया था।
स्टडी में, बीफ, पोर्क, लैंब, बेकन, सॉसेज, बोलोग्ना, हॉट डॉग, सलामी आदि पशु उत्पाद शामिल थे।
देखा गया कि वनस्पति तेल से मिलने वाला पॉलीअनसेचुरेटेड फैट सबसे कम खाने वालों की अपेक्षा अधिक खाने वालों में स्ट्रोक होने की संभावना 12 प्रतिशत कम थी।
लेकिन, प्रतिदिन अत्यधिक रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट खाने वालों में स्ट्रोक का क्रमशः 8 प्रतिशत और 12 प्रतिशत अधिक जोखिम था।
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ऐसे में, वैज्ञानिकों ने मांस के चर्बी वाले हिस्सों को कम खाने और जैतून, मकई या सोयाबीन जैसे तेलों में खाना बनाकर स्ट्रोक के जोखिम को घटाने की सलाह दी है।
इसके अतिरिक्त, मांस के बजाए पौधों से मिलने वाले प्रोटीन को खाने से मृत्यु दर कम होना भी संभव बताया गया है।
इस स्टडी को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र 2021 में प्रस्तुत किया जाएगा।