Zinc in respiratory tract infections: एक हालिया वैज्ञानिक विश्लेषण में जिंक को सांस के संक्रमण और बीमारी की अवधि कम करने में मददगार बताया गया है।
उपलब्ध सबूतों से प्राप्त विश्लेषण बताता है कि ज़िंक सप्लीमेंट खांसी, बंद नाक और गले में खराश जैसे संक्रमण के अलावा बीमारी भी जल्दी ठीक करता है।
हालांकि, वैज्ञानिक भला-चंगा करने में इस पोषक तत्व की सही खुराक का पता नहीं लगा पाए।
बता दें कि जिंक शरीर की इम्युनिटी, सूजन, टिश्यू इंजरी, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन की कमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला तत्व पाया गया है।
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सर्दी, फ्लू, साइनसाइटिस, निमोनिया और COVID-19 के प्रकोप को कम करने में ज़िंक लाभकारी मिला है। ऐसे संक्रमण कई बार तकलीफदेह और महंगे साबित होते है।
25 परीक्षणों के इस विश्लेषण में, वैज्ञानिक दल ने नकली उपचार (प्लेसबो) की तुलना में जिंक को मौखिक या नाक में स्प्रे करने से एक महीने में 100 लोगों के सांस से जुड़े पांच संक्रमणों का ठीक होना दर्ज किया।
देखा गया कि बुखार और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के गंभीर होने को रोकने में जिंक ज्यादा प्रभावी था। लेकिन ऐसा केवल तीन अध्ययनों में ही नजर आया।
हालांकि, बीमारी के पहले सप्ताह के दौरान जिन लोगों ने जिंक का इस्तेमाल किया था, उनके ठीक होने की संभावना बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट के लगभग दोगुनी थी।
वैज्ञानिकों ने संक्रमण के लक्षणों में जिंक का उपयोग तेजी से ठीक होने और अनावश्यक एंटीबायोटिक से बचाने वाला बताया है, लेकिन चिकित्सकों और उपभोक्ताओं को इसकी खुराक और उपयोग के तरीकों में मिली अनिश्चितता का भी ध्यान रखना चाहिए।
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बीएमजे ओपन में प्रकाशित नतीजे बताते है कि ज़िंक का COVID-19 सहित अन्य श्वसन संक्रमण पर चिकित्सीय प्रभाव आगे के शोध में जांच का विषय हो सकता है।
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