How to Sleep Better: परीक्षा में अच्छे अंक चाहिए तो प्रतिदिन एक निर्धारित समय पर सोइए, ये सलाह है एक अमेरिकी स्टडी की।
सेंट लुइस की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ बताते है कि रोजाना तय समय सोने से दिमाग पर हुए सकारात्मक प्रभाव को छात्रों के स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ पाया गया है।
ऐसे छात्र, नींद के समय में उतार-चढ़ाव वालों की तुलना में बेहतर पढ़ाई और ख़ुशी महसूस करते है।
स्टडी में यूनिवर्सिटी के फर्स्ट समेस्टर में पढ़ने वाले 97 छात्रों की नींद से संबंधित आदतों पर नज़र रखी गई थी।
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विषेशज्ञों ने रात में तय समय पर सात से आठ घंटे सोने वालों के अकादमिक प्रदर्शन को अनियमित समय और चार या 12 घंटे सोने वाले छात्रों से बेहतर पाया।
स्टडी में बताया गया है कि शरीर की आंतरिक घड़ी अनियमित नींद चक्र से प्रभावित होती है। इससे सोचने, समझने तथा याद रखने की क्षमता को नुकसान होता है।
नींद के दौरान, दिमाग सीखी गई जानकारी को हिप्पोकैम्पस क्षेत्र में भरता रहता है, जिसे बाद में पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
कम या अनियमित नींद चक्र से दिमाग की उत्पादकता क्षीण होती जाती है। इसलिए, रात भर जागना और पढ़ना न केवल अनुत्पादक है, बल्कि उल्टा असर भी डालता है।
साइकोलॉजी, हेल्थ एण्ड मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी के नतीजे, छात्रों को सोने का समय निर्धारित करने और हर रात एक ही समय पर सोने की सलाह देते है।
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यही नहीं, छात्रों को सोने से एक घंटे पहले मोबाइल इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। नहीं तो, उपकरणों से निकलने वाली रोशनी नींद के लिए जरूरी मेलाटोनिन हार्मोन के स्त्राव को रोक देती है।