भोजन में बदलाव लाकर ट्यूमर के विकास (Tumor growth) को धीमा किया जा सकता है, ऐसा एक नए अध्ययन में पाया गया है।
मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इस अध्ययन में, चूहों को दी गई दो अलग-अलग तरह की डाइट (Diet) का विश्लेषण किया गया है।
पता चला है कि हमारी डाइट कैंसर कोशिकाओं को जबरदस्त तरीके से प्रभावित कर सकती है।
अध्ययन में, अग्नाशय के ट्यूमर (Pancreatic tumors) वाले चूहों को कम कैलोरी की डाइट (Low-calorie diet) और कीटोजेनिक डाइट (Ketogenic diet) दी गई।
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हालांकि, दोनों तरह की डाइट ने ट्यूमर के विकास में सहायक ग्लूकोज को कम किया, लेकिन कीटोजेनिक डाइट के मुकाबले कम कैलोरी ने ट्यूमर विकास के लिए जरूरी फैटी एसिड की मात्रा को भी बाधित किया।
कैलोरी-प्रतिबंधित डाइट लेने वाले चूहों में ग्लूकोज के साथ-साथ लिपिड का स्तर भी नीचे चला गया, लेकिन कीटोजेनिक डाइट में ज्यादा फैट होने के कारण ऐसा सकारात्मक असर नहीं दिखा।
वैज्ञानिकों के अनुसार, कैंसर कोशिकाओं को अपनी कोशिका झिल्ली के निर्माण के लिए लिपिड की आवश्यकता होती है। इसलिए, लिपिड की कमी ट्यूमर का बढ़ना रोक देती है।
अध्ययन में देखा गया कि कम कैलोरी वाली डाइट से ट्यूमर को विकास के लिए जरूरी लिपिड नहीं मिला। ऐसे में, वैज्ञानिकों का मानना था कि कैंसर की दवाओं के साथ-साथ मरीज को खाने-पीने की आदतों में भी बदलाव करना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी डाइट का पालन करने से मना किया है।
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नेचर जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के बाद, वैज्ञानिकों की टीम अब विभिन्न प्रकार के फैट वाली डाइट का ट्यूमर पर असर देखने की योजना बना रही है।
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