COVID-19 Delta AY.4.2: कई यूरोपीय और एशियाई देशों में कोरोना के नए डेल्टा वेरिएंट AY.4.2 मिलने की पुष्टि के बाद, भारत में भी इसकी उपस्थिति चिंता बढ़ाने वाली है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में SARS CoV 2 डेल्टा वेरिएंट के इस नए रूप AY.4.2 के मामले मिलने के बाद भारत की नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) हाई अलर्ट पर है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, एनसीडीसी से जारी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट इंदौर में AY.4.2 वेरिएंट के सात मामले बताती है। दूसरी ओर, महाराष्ट्र के भी 1 प्रतिशत नमूनों में इस नए डेल्टा वेरिएंट के होने की बात सामने आई है।
बता दें कि संसार के कई देशों, खासकर यूके में पहले से ही नए डेल्टा वेरिएंट AY.4.2 ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है।
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वहां के वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि नया वेरिएंट डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। हालांकि, अभी इसकी जांच चल रही है।
ब्रिटिश जीनोमिक्स और जेनेटिक्स रिसर्च संस्था, वेलकम सेंगर इंस्टीट्यूट की मानें तो इंग्लैंड में इसका प्रसार एक महीने में दोगुना हो गया है। सितंबर में इससे प्रभावित चार प्रतिशत मामले महज दो सप्ताह में ही 8.9 प्रतिशत हो गए।
उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि AY.4.2 डेल्टा के ही 45 परिवारों में से एक है और इसे “डेल्टा प्लस” कहा जाता है।
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UK Health Security Agency – UKHSA) ने इसे VUI-21OCT-01 नाम दिया है और गहन जांच के दायरे में रखा है।
एजेंसी का मानना है कि यह प्रमुख डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक तेज़ी से फैलता है। लेकिन ऐसा वायरस के व्यवहार में बदलाव या महामारी विज्ञान की स्थिति के कारण है, यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता।
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चूंकि यूके एकमात्र ऐसा देश है जहां कोरोना का नया वेरिएंट बढ़ते संक्रमण मामलों से जुड़ा पाया गया है, आशंका है कि इसका तेजी से होता असर भारत को भी अपनी चपेट में ले लेगा।
हालांकि, भारतीय विशेषज्ञ वर्तमान टीकों को प्रभावी मानते हुए इंतजार करने और इस पर नज़र बनाए रखने की आवश्यकता बताते है।