Breast cancer in India: भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर तेजी से पांव पसार रहा है जो बहुत बड़ी चिंता का विषय है, यह कहना है एक रिपोर्ट का।
समाचार एजेंसियों के हवाले से मीडिया में आई इस रिपोर्ट की मानें तो ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) की सबसे ज्यादा शिकार 35 से 50 वर्ष की महिलाएं हो रही है
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में कार्यरत एक डॉक्टर के हवाले से बताया गया है कि ब्रेस्ट कैंसर के प्रति विभिन्न भ्रांतियों, जागरूकता और उपचार में कमी के कारण महिलाओं में इस कैंसर के मामले बढ़े रहे है।
कोरोनाकाल में बहुत सी महिलाओं द्वारा शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर इलाज में देरी से भी मामलों में स्पष्ट वृद्धि हुई है।
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खबरों में कहा गया है कि अस्पताल के पिछले तीन वर्षों के रिकॉर्ड में, ब्रेस्ट कैंसर और संबंधित लक्षणों की दिक्कत बताने वाली 50 फीसदी महिलाओं की उम्र 35 से 50 वर्ष के बीच पाई गई है।
रिकॉर्ड बताते है कि रिपोर्ट किए गए मामलों में 53 फीसदी कैंसर की शुरूआती स्टेज के है, जबकि 47 फीसदी विकसित स्टेज तक पहुंचने का संकेत देते है। कुल 20 फीसदी मामले चौथी स्टेज से और 27 फीसदी तीसरी स्टेज के कैंसर से जुड़े है।
ऐसे में प्रभावितों के जीवित रहने या ठीक होने की दर शुरूआती स्टेज से विकसित स्टेज तक पहुंचने पर बहुत कम हो जाती है।
उम्र का ब्यौरा देते हुए खबरों में कहा गया है कि पहली और दूसरी स्टेज के कैंसर में 90 फीसदी महिलाएं 10 से अधिक वर्षों तक जीवित रहती है, जबकि तीसरी स्टेज में केवल 30 फीसदी और चौथी स्टेज में 5 फीसदी तक के जीवित रहने की संभावना रह जाती है।
इसलिए, कैंसर की शुरूआत में ही इसे रोकना बेहतर इलाज के लिए जरूरी है।
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खबरों में, महिलाओं को स्तन कैंसर के शुरुआती संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता बताई गई है।
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान महिलाओं को कीमोथेरेपी (Chemotherapy) से बचा सकती है। इससे उन्हें ब्रेस्ट और बाल खोने सहित अन्य गंभीर परेशानियों से भी दो-चार होना नहीं पड़ेगा।
रिपोर्ट में ब्रेस्ट कैंसर होने की विभिन्न संभावनाएं जताई गई है, जिनमें अनुवांशिकी और लाइफस्टाइल में बदलाव प्रमुख है।
खासकर, युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के विकास में कम फिजिकल एक्टिविटी, मोटापा, शराब और स्मोकिंग की भूमिका ज्यादा पाई गई है।
खबरों में कहा गया है कि महिलाओं को सेल्फ-अवेयरनेस के अलावा अपने वजन, मोटापे, सही डाइट और एक्सरसाइज का भी ध्यान रखना चाहिए।
समय-समय पर अपने शरीर की जांच और मैमोग्राफी स्क्रीनिंग से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
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