बहुत कम और बहुत अधिक नींद (Sleep) मस्तिष्क (Brain) की सेहत खराब करती है, ये कहना है अमेरिकी विशेषज्ञों का।
नींद और मस्तिष्क विकास से संबंधित एक स्टडी के बाद उन्होंने सलाह दी है कि शांत और संतुलित मात्रा की नींद मस्तिष्क के लिए सबसे अच्छी है।
बुजुर्गों पर हुई एक स्टडी में विशेषज्ञों ने संतुलित मात्रा में सोने वालों की अपेक्षा बहुत कम और बहुत ज्यादा सोने वालों में दिमागी कुशलता अधिक कमजोर होने का अनुभव किया।
यह स्टडी सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों ने की थी। उनका कहना था कि खराब नींद और याददाश्त से जुड़ा अल्जाइमर रोग दोनों ही दिमागी कुशलता घटाते है।
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इस जानकारी की सत्यता 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों के एक बड़े समूह की कई वर्षों तक निगरानी के बाद प्रमाणित हुई।
उनके दिमाग में अल्जाइमर से संबंधित प्रोटीन के स्तर और नींद के दौरान मस्तिष्क गतिविधियों का विश्लेषण करके ही विशेषज्ञों को नींद, अल्जाइमर रोग और मानसिक विकास के जटिल संबंधों को सुलझाने में मदद मिली।
ब्रेन पत्रिका में प्रकाशित नतीजों के मुताबिक, याददाश्त, सोचने, समझने और सीखने की क्षमता उन लोगों में कम थी जो रोजाना रात को 5 से कम या 7 घंटे से अधिक सोते थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लोगों को उम्र के अनुसार नींद सुधारते हुए दिमाग तेज रखने में मदद मिल सकती है।
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