मेडिटेशन (Meditation) करने से लंबे समय तक रहने वाले तनाव (Stress) को कम किया जा सकता है, ऐसा एक नई रिसर्च ने दावा किया है।
रिसर्च करने वाली वैज्ञानिकों की टीम ने छह महीने तक मेडिटेशन यानी ध्यान का अभ्यास करने वाले इंसानों के बालों में मिली तनाव हॉर्मोन कोर्टिसोल (Stress Hormone Cortisol) की मात्रा को औसतन 25 प्रतिशत तक कम हुआ पाया।
उनके अनुसार, किसी भी तरह का ध्यान लगाना तनाव हार्मोन बढ़ने को कम करने में प्रभावी है।
रिसर्च करने वाले जर्मनी की मैक्स प्लैंक सोसायटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि बालों में मौजूद कोर्टिसोल की मात्रा जांच कर किसी भी इंसान के तनाव की मात्रा का पता लगाया जा सकता है।
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गौरतलब है कि तनाव अधिक होने पर डायबिटीज, हृदय रोग और डिप्रेशन जैसी कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में रोजमर्रा के तनाव को कम करने के लिए दवाओं से अलग अन्य प्रभावी तरीकों की तलाश की जा रही है।
इसी प्रयास में एक आशाजनक विकल्प मेडिटेशन है, जिसमें विभिन्न ध्यान और व्यवहारिक अभ्यासों के माध्यम से दिमाग में चल रही उथल-पुथल को शांत किया जा सकता है।
रिसर्च के वैज्ञानिकों का कहना है कि अत्यधिक तनाव के चलते कोर्टिसोल की बढ़ी हुई मात्रा शरीर सहित बालों में भी जमा होती रहती है।
अध्ययन में शामिल मेडिटेशन करने वाले इंसानों के तनाव को मापने के लिए उन्होंने सिर की जड़ों से निकलने वाले बालों में कोर्टिसोल की मात्रा का विश्लेषण किया।
इसके लिए हर तीन महीने में बालों की जड़ों को तीन सेंटीमीटर तक मापा गया।
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छह महीने के प्रशिक्षण के बाद, ध्यान लगाने वालों के बालों में कोर्टिसोल की मात्रा औसतन 25 प्रतिशत तक कम होती पाई गई।
यह कमी पहले तीन महीनों में तो मामूली थी, लेकिन अगले तीन महीनों में बढ़ गई। अंतिम तीसरे महीने में बालों की जांच करने पर तनाव पैदा करने वाले कोर्टिसोल की मात्रा निम्न स्तर पर देखने को मिली।
वैज्ञानिकों की टीम का यह भी कहना था कि तनाव घटाने वाले प्रभाव देखने के लिए मेडिटेशन ट्रेनिंग लंबे समय तक करना जरूरी है।
हालांकि, इसके लिए किसी विशेष ट्रेनिंग की जरूरत नहीं, बल्कि किसी भी तरह की माइंडफुलनेस या ध्यान लगाने के जिस तकनीक से दिमाग की हलचल शांत हो जाए, वही बेहतर है।
रिसर्च को सायकोसोमॅटिक मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया है।