Time-restricted eating: जीवन भर स्वस्थ रहना चाहते है तो अपने खानपान के समय को नियंत्रित रखिए और थोड़ा उपवास कीजिए, ये कहना है एक हालिया रिसर्च के वैज्ञानिकों का।
उनके मुताबिक, 24 घंटों में से केवल 8 या 10 घंटों के भीतर ही भोजन करना पुरानी बीमारियों को रोकने और कंट्रोल में रखने का एक प्रभावी उपाय है।
रिसर्च करने वाले कई अमेरिकी संस्थानों से जुड़े वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कभी-कभार उपवास रखने और तय समय पर ही सीमित भोजन करने से मोटापे, डायबिटीज, लिवर और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम तो कम होता ही है, नींद में भी सुधार आता है।
दरअसल, खाने-पीने के समय को सीमित करना भी एक तरह का उपवास है ही जिसमें प्रत्येक दिन एक निश्चित संख्या और समय पर भोजन किया जाता है।
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हाल के शोध से पता चला है कि 24 घंटे के अलग-अलग समय में इंसानों के जीन, हार्मोन और मेटाबॉलिज्म में उतार-चढ़ाव होते रहते है।
शरीर की आंतरिक घड़ी के हिसाब से भोजन करने की आदत का हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ता है और कई बीमारियों का जोखिम कम होता है।
बेतरतीब समय पर खाने से हमारी भूख का तालमेल आंतरिक घड़ी से टूट जाता है और हम बीमारियों के शिकार हो जाते है, ऐसा वैज्ञानिकों ने देखा भी है।
एंडोक्राइन सोसाइटी की पत्रिका एंडोक्राइन रिव्यू में प्रकाशित इस रिसर्च के नतीजे आने के बाद वैज्ञानिक ने सलाह दी है कि वजन कम करने और रोग-रहित स्वस्थ जीवन की चाह रखने वालों को अपने भोजन और समय पर नजर रखनी चाहिए।
तय समय पर सीमित मात्रा में भोजन करना एक आसान और प्रभावी आहार रणनीति है, जिसमें कैलोरी गिनने का झंझट भी नहीं है।