Sleep Disorder Obstructive Sleep Apnea: अधिकांश लोग नींद से जुड़ी दिक्कतों को सेहत के लिए घातक नहीं मानते हैं, लेकिन इस बारे में विशेषज्ञों की राय एकदम उलट है।
लखनऊ की एक मेडिकल कॉन्फ्रेंस में शामिल विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सांस फूलने के कारण रात में कई बार जागता है और सुबह उठने पर मुंह सूखने सहित पूरे दिन सिरदर्द और थकान का अनुभव करता है, तो वह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea- OSA) से पीड़ित हो सकता है।
कॉन्फ्रेंस में OSA पर आधारित विभिन्न विषयों और रिसर्च को प्रस्तुत किया गया।
विशेषज्ञों ने मोटापे, लाइफस्टाइल तनाव और बुजुर्गों में सारे दांतों का गिरना, नींद से जुड़ी इस बीमारी के मुख्य कारण बताए है।
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इस समस्या में इंसान की सांस लेने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति के लंबे समय तक बने रहने और लाइलाज छोड़ने पर दिल और सांस संबंधी बीमारियां पैदा हो सकती है। समस्या बढ़ने पर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर घटना शुरु हो जाता है।
सांस से संबंधित इलाज में, OSA को आमतौर पर वायुमार्ग दबाव मशीनों से ठीक किया जाता है, लेकिन दंत चिकित्सा भी इस पर इस पर एक आसान नियंत्रण प्रक्रिया प्रदान करती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, दंत चिकित्सा में इस स्थिति का इलाज मैंडिबुलर एडवांसमेंट डिवाइस (Mandibular Advancement Device) से किया जा सकता है।
मुंह में लगाया जाने वाला यह डिवाइस अस्थायी रूप से जबड़े और जीभ को नियंत्रित करता है। इससे गले का कसना कम होता है और वायुमार्ग की जगह फैलती है।
इस विषय में और जानकारी देते हुए विशेषज्ञों का कहना था कि लगभग 80 प्रतिशत रोगियों को यह भी नहीं पता होता है कि वे OSA बीमारी से पीड़ित हैं और यह घातक हो सकती है। इसलिए लोगों को इसके बारे में बुनियादी जानकारी मिलनी चाहिए।
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उनका कहना था कि हालांकि, समय बीतने पर शरीर सांस लेने की अपनी प्राकृतिक अवस्था में लौटने लगता है, लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उम्र बीतने के साथ, शरीर का तंत्रिका संबंधी सिस्टम कमजोर होने से इस प्रक्रिया में बाधा आती है।
ऐसे में, ऑक्सीजन लेना धीरे-धीरे कम होकर केवल जीवित रहने तक ही सिमट सकता है।
विशेष कर बुजुर्गों में, प्रारंभिक लक्षणों और समस्याओं को अनदेखा करने की उनकी सामान्य आदत के चलते गंभीर रोग होने का खतरा बढ़ता है।