अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (Ultra-processed food) और कई बीमारियों का नाता समय-समय पर सामने आता रहता है।
अब एक नए अध्ययन ने ऐसे रिफाइंड भोजन की साप्ताहिक खपत को हृदय रोग (Heart disease) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा बताया है।
अध्ययन साल 2001 से 2012 तक ग्रीस में हुए एक सर्वेक्षण के आंकड़ों पर आधारित है।
सर्वेक्षण में 45 वर्ष के दो हजार से ज्यादा स्वस्थ वयस्कों से उनके आहार और लाइफस्टाइल के बारे में जाना गया था।
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दिल का दौरा, स्ट्रोक, हार्ट फेल, सीने में जकड़न और अनियमित धड़कनों का पता लगाने के लिए उनकी 10 वर्षों तक निगरानी की गई।
प्रति सप्ताह अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की लगभग 15 सर्विंग्स से ज्यादा खाने वालों में कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं ज्यादा देखी गई।
जैसे-जैसे सर्विंग्स बढ़ती गई, लोगों में दिल संबंधी समस्याएं भी ज्यादा होती गई।
बाजार के जंक फूड की प्रत्येक अतिरिक्त साप्ताहिक सर्विंग हृदय रोग की 10 फीसदी अधिक संभावना से जुड़ी हुई थी।
डराने वाली बात तो यह थी कि ऐसे आहार की मार से कम खाने वाले भी बच न सके।
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इसके अलावा, रिफाइंड भोजन की अतिरिक्त साप्ताहिक मात्रा खाने वालों में 10 वर्षों के भीतर हृदय रोग की संभावना 19 फीसदी अधिक थी।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में ब्रेड, फास्ट फूड, मिठाई, नमकीन स्नैक्स, पैकेटबंद ब्रेकफास्ट फूड, नूडल्स, सूप, कोल्ड ड्रिंक्स आते है।
अध्ययन ईएससी कांग्रेस 2021 में प्रस्तुत किया गया था।