कैंसर रोगियों (Cancer patients) को मूंगफली (Peanuts) कम मात्रा में खानी चाहिए, ये सलाह है इंग्लैंड में हुए एक अध्ययन की।
यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के अध्ययन ने मूंगफली के कैंसरजनक तत्व से कैंसर होना बताने वाली एक पुरानी रिसर्च में और खुलासा किया है।
इसके मुताबिक, मूंगफली का प्रोटीन एग्लूटिनिन (Peanut agglutinin) खून में मिलकर कैंसर कोशिकाओं को फैलने में मदद करता है। इससे कैंसर पूरे शरीर में होने का खतरा बढ़ता है।
एग्लूटिनिन खून में जाकर IL-6 और MCP-1 नामक ऐसे प्रोटीनों को बढ़ाता है जो कैंसर कोशिकाओं को अपने प्रथम स्थान से टूटकर शरीर के अन्य भागों में विकसित होने में मदद करते है।
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एग्लूटिनिन के प्रभाव से कैंसर कोशिकाएं अधिक चिपचिपी हो जाती है और ब्लड वैसील्स से आसानी से चिपका जाती है। ऐसे में कैंसर कोशिकाएं छोटे-छोटे गुच्छों में बदलकर खून द्वारा अन्य अंगों में फैल जाती है।
विशेषज्ञ इस मामलें में अभी और जांच की जरूरत बताते है, फिर भी उनकी सलाह है कि कैंसर रोगियों को मूंगफली के ज्यादा और लगातार सेवन से बचना चाहिए।
हालांकि, ऐसा खतरा एक बार में 250 ग्राम मूंगफली खाने के बाद ही देखा गया है, इसलिए कम मात्रा में मूंगफली खाना हानिरहित भी हो सकता है।
फिर भी, संभावना बनी हुई है कि मूंगफली की एक बड़ी “खुराक” के बाद खून में एग्लूटिनिन घुलने से कैंसर कोशिकाओं का पूरे शरीर में प्रसार हो सकता है।
कार्सिनोजेनेसिस में प्रकाशित यह अध्ययन, कैंसर रोगियों द्वारा ज्यादा मूंगफली सेवन के दुष्परिणाम जानने के बाद सामान्य जनसंख्या पर असर देखने के लिए और रिसर्च की आवश्यकता बताता है।
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