Mangoes eating benefits: वैसे तो आम हर उम्र वालों का पसंदीदा है, लेकिन इसकी अत्यधिक मिठास अक्सर चिंता का सबब रहती है।
आम की ज्यादातर कैलोरी मीठे से आती है। इसलिए डायबिटीज वालों को आम संभलकर खाने की सलाह दी जाती है।
एक खबर के मुताबिक, भारतीय शोधकर्ताओं ने आम की नई स्वास्थ्यवर्धक किस्में उगाने का दावा किया है।
इन नए प्रकार के आमों को खाने से शुगर का स्तर कम हो सकता है। साथ ही कई तरह के कैंसर से भी बचा जा सकता है।
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औषधीय गुणों से भरपूर आम की इन स्वास्थ्यवर्धक किस्मों को लखनऊ के सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर में विकसित किया गया है।
संस्थान से जुड़े विशेषज्ञ इसे मेडिसिनल जगत में एक बड़ी सफलता बताते है।
आम की दो प्रमुख किस्मों ‘अरुणिका’ और ‘साहेब पसंद’ के विषय में जानकारी देते हुए संस्था के डायरेक्टर का कहना था कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव वाले मैंगिफेरिन और ल्यूपोल जैसे कई अन्य बायोएक्टिव तत्व मौजूद है।
इनसे आंत में ग्लूकोज के अवशोषण को रोककर ब्लड शुगर स्तर को कम किया जा सकता है। इससे डायबिटीज वालों को फायदा होगा। वहीँ, मैंगिफेरिन स्तन और पेट के कैंसर से बचाने में मददगार है।
इसके अलावा, आम में पाया जाने वाला ल्यूपोल सूजन, गठिया, डायबिटीज, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, जहरीले लिवर की बीमारी, माइक्रोबियल संक्रमण, कैंसर आदि सहित विभिन्न रोगों के खिलाफ औषधीय गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।
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संस्थान विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे तो नई किस्में लगभग तैयार है, बस औषधीय सामग्री के मामले में इनकी अन्य उपलब्ध किस्मों के साथ तुलना की जा रही है.
उन्हें उम्मीद है कि निकट भविष्य में आम की इन विशेष किस्मों की खेती से किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी स्वास्थ्य लाभ होंगे।