Artificial pancreas for diabetes and kidney failure: टाइप-2 डायबिटीज और किडनी फेलियर वालों के लिए वैज्ञानिकों ने एक आर्टिफिशियल पैंक्रियाज ईजाद की है।
हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और बर्न स्थित यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के नेतृत्व में किए गए टेस्ट से पता चला है कि यह उपकरण रोगियों के ब्लड शुगर लेवल को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के साथ ही घटते शुगर लेवल को भी संभालेगा।
इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने टाइप-1 डायबिटीज वालों के लिए इंसुलिन इंजेक्शन बदलने के उद्देश्य से एक आर्टिफिशियल पैंक्रियाज विकसित किया था।
आर्टिफिशियल पैंक्रियाज को उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित किया जाता है जो रोगी में इंसुलिन लेवल बनाए रखने के लिए इंसुलिन पंप को संकेत भेजता है।
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एक ग्लूकोज मॉनिटर रोगी के ब्लड शुगर लेवल को मापता है और उसे सही ढंग से बनाए रखने के लिए वापस स्मार्टफोन को निर्देश देता है।
टाइप 1 डायबिटीज के लिए उपयोग किए जा रहे आर्टिफिशियल पैंक्रियाज के विपरीत, नया संस्करण पूरी तरह से ऑटोमेटिक है।
टाइप 1 डायबिटीज वालों को खाना खाने से पहले अपनी आर्टिफिशियल पैंक्रियाज में इंसुलिन एडजस्ट करने की आवश्यकता होती है। ऐसा झंझट टाइप 2 डायबिटीज वालों को नहीं उठाना पड़ेगा।
वैज्ञानिकों की टीम ने आर्टिफिशियल पैंक्रियाज का टेस्ट पिछले साल डायलिसिस की जरूरत वाले 26 रोगियों पर किया था, जो सफल रहा था। उपकरण के सहयोग से उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहा।
टीम वर्तमान में बिना डायलिसिस की आवश्यकता वाले टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों पर आर्टिफिशियल पैंक्रियाज का परीक्षण कर रही है।
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नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के परिणाम बताते है कि इस उपकरण की मदद से गंभीर बीमारियों वाले मरीजों के लिए स्वयं की देखभाल करना सरल हो सकता है।
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