Health benefits of good sleep: जिम, जॉब या खेलों में अच्छा प्रदर्शन करना हो तो पर्याप्त नींद लेना जरूरी है, ये कहना है ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का।
उनके मुताबिक, नींद जितनी कम होगी, प्रदर्शन उतना ही खराब होता जाएगा।
इस धारणा से पर्दा उठाया कुछ खिलाड़ियों पर की गई एक स्टडी ने।
स्टडी में 12 खेलों के 175 कुलीन ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों की नींद जांची गई। सभी ओलंपिक में शामिल तैराकी, साइकिल चलाना, ट्रायथलॉन और पेशेवर टीम स्पोर्ट्स से जुड़े हुए थे।
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नतीजों से पता चला कि कंपटीशन, प्रैक्टिस, तनाव और यात्रा के कारण खिलाड़ी हर रात 96 मिनट कम सो रहे थे। केवल तीन प्रतिशत ही अपनी नींद की जरूरतों को पूरा कर पा रहे थे।
ज्यादातर खिलाड़ी प्रत्येक रात लगभग छह घंटे सोते थे, जो उनकी लगभग आठ घंटे की नींद से काफी कम थी।
यूएस नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, 18 से 25 वर्ष के युवाओं को सात से नौ घंटे की नींद चाहिए, जबकि 26 से 64 वर्ष वालों को सात से आठ घंटे सोना जरूरी है।
स्टडी में वैज्ञानिकों ने देखा कि अपर्याप्त नींद के परिणामस्वरूप खिलाड़ियों के प्रदर्शन और मूड में खराबी के साथ-साथ कमजोर इम्यूनिटी, रिएक्शन टाइम और सोच-समझ के कार्यों में भी कमी आई।
स्टडी में सात घंटे सोने वाले एथलीटों ने व्यक्तिगत खेलों में छह घंटे सोने वालों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया।
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प्रतियोगिता के दौरान प्रेशर, ध्यान भटकने, अपरिचित वातावरण और दिनचर्या से नींद की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित होने की स्थिति में स्टडी के नतीजे खिलाड़ी और कोच के लिए विशेष हो सकते है।
ऑस्ट्रेलियाई कैथोलिक और सेंट्रल क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की यह स्टडी, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स फिजियोलॉजी एंड परफॉर्मेंस में प्रकाशित की गई।