ये तो हम सभी जानते है कि आज की तनाव और भाग-दौड़ से भरी ज़िंदगी में सेहतमंद (healthy) रहने के लिए खाने-पीने (diet) पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि बीमार होने के बाद ही पौष्टिक खाया जाए बल्कि हर उम्र में शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पौष्टिक व संतुलित आहार (balanced diet) की जरूरत होती है।
क्यों जरूरत पड़ती है संतुलित आहार (balanced diet) की
उम्र बढ़ने पर हृदय रोग (heart disease) और उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की संभावना अधिक हो जाती है क्योंकि रक्त वाहिकाएं स्वाभाविक रूप से कठोर हो जाती हैं।
इसके अलावा हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है क्योंकि हम उम्रदराज़ हो रहे हैं। इससे फ्रैक्चर (fracture) का खतरा बढ़ जाता है। हमारा चयापचय (metabolism) उम्र के साथ धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। कब्ज (constipation) उम्र के साथ आम बात हो जाती है।
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मूत्राशय (urinary bladder), स्मृति (memory) और संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function) उम्र के साथ घटते जाते हैं। सुनने और देखने की शक्ति घटती जाती है। त्वचा (skin) पतली, कम लोचदार और अधिक आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाती है।
क्या जरूरी है संतुलित आहार (balanced diet) में
वो सब जिससे आपके शरीर को पोषक तत्व (nutrients) मिल सकें :
- पुरुषों को प्रतिदिन 2200 कैलोरी जबकि महिला के लिए 1800 कैलोरी की जरूरत होती है। इसमें सभी अनाज, दाल, फल, रंग-बिरंगी सब्जियां आदि कार्बोहाइड्रेट्स के रूप में ले सकते हैं जो शरीर को हर उम्र में ऊर्जा देते है।
- प्रोटीन हर उम्र के स्त्री और पुरुष के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण होता है जो दूध, पनीर, मांस, अंडे के रूप में लिया जा सकता है। यह हमारे शारीरिक विकास और इम्युनिटी के लिए जरूरी है लेकिन वजन के हिसाब से प्रोटीन लेना जरूरी है। आप एक किलो ग्राम वजन पर एक ग्राम प्रोटीन ले सकते है।
- शरीर में कैलोरी कम नहीं होनी चाहिए नहीं तो यह आपकी चयापचय (metabolism) को प्रभावित कर उसे धीमा कर सकता है। बढ़ती उम्र में पर्याप्त मात्रा में सभी पोषक तत्त्व मिलने से हड्डियां मजबूत होती हैं।
- 60 की उम्र के बाद अधिकतर लोग काम कम करते हैं। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक मात्रा लेना जरूरी है। इसमें हरी और रंग बिरंगी सब्जी के साथ फल, दूध, मेवा खाना चाहिए। तरल में पानी, सूप और गूदे वाला जूस लेना ठीक रहता है।