दिल की बीमारी (Heart disease) कम करनी हो तो हाई फाइबर युक्त अनाज (High fiber whole grain) से बना भोजन खाएं, ऐसा एक स्टडी के वैज्ञानिकों का कहना है।
बढ़ती उम्र के इंसानों पर किए गए एक अध्ययन में उन्होंने देखा कि रिफाइंड अनाज (Refined grain) खाने वालों की तुलना में अधिक रेशेदार अनाज खाने वालों में कमर का साइज, ब्लड प्रेशर और शुगर का स्तर घटने की ज्यादा संभावना थी।
ये तीनों अवस्थाएं हृदय रोग के बढ़ते खतरे से जुड़ी है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित, मैसाचुसेट्स की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई जांच में साबुत और रिफाइंड अनाज (Whole and refined grain) खाने से हृदय रोग करने वाले पांच जोखिमों जैसे कमर का आकार, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ट्राइग्लिसराइड और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल पर असर देखा गया।
- Advertisement -
इसके लिए, हृदय रोग के जोखिम जानने से संबंधित करीब 18 वर्षों तक चली एक स्टडी से मिले आंकड़ों की समीक्षा की गई।
वैज्ञानिकों ने दिल की बीमारी पर साबुत और छिलका उतरे अनाज की अलग-अलग मात्रा खाने का असर जाना।
पता चला कि रोजाना फाइबर की आधे से भी कम सर्विंग से लेकर तीन या अधिक सर्विंग्स खाने वालों के दिल की सेहत में फर्क था।
एक सर्विंग में ब्रेड का एक पीस, आधा कप ओट्स, पास्ता या चावल शामिल है।
हाई फाइबर युक्त अनाज की तीन या अधिक सर्विंग्स खाने वालों की कमर का साइज आधा इंच कम हुआ, जबकि कम या न खाने वालों की 1 इंच से अधिक हो गई।
- Advertisement -
इसके अतिरिक्त, उनकी ब्लड शुगर, सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और ट्राइग्लिसराइड में भी साबुत अनाज खाने वालों के मुकाबले अधिक वृद्धि पाई गई।
वैज्ञानिकों के अनुसार, फाइबर वाला अनाज खाने से उम्र बढ़ने पर भी दिल की बीमारी करने वाले खतरों को कम किया जा सकता है।
इसके पीछे साबुत अनाज में उपस्थिति फाइबर तथा मैग्नीशियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट का योगदान महत्वपूर्ण है।
ब्लड प्रेशर कम करने और भोजन के बाद ब्लड शुगर बढ़ने से रोकने में तो घुलनशील फाइबर विशेष रूप से प्रभावी पाया गया है।
इसलिए, वैज्ञानिकों की सलाह सफेद ब्रेड, नूडल्स, पास्ता, छिलका उतरे चावल और मैदे से बना सामान खाने की बजाए चोकर वाली रोटी या फाइबर युक्त ब्रेड, ओट्स, ब्राउन राइस आदि को भोजन में शामिल करने की थी।
Also Read: विशेषज्ञों ने बताई दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद एक्सरसाइज