खराब नींद (Poor Sleep) से उपजने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) बढ़ाकर दूर किया जा सकता है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में ऑनलाइन प्रकाशित एक बड़े दीर्घकालिक अध्ययन से यह पता चला है।
अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने बताया कि निष्क्रिय (Inactive) रहना और खराब नींद दोनों ही जल्द मौत, दिल की बीमारियों और कैंसर के खतरे से जुड़े हुए है।
इसलिए स्वस्थ जीवन जीने के लिए इन दोनों एक्टिविटी को सुधारना जरूरी है।
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इस धारणा को सत्यापित करने के लिए उन्होंने यूके के 55 वर्षीय तीन लाख से अधिक पुरुषों और महिलाओं द्वारा दी गई जानकारी को आधार बनाया।
यह जानकारी उनके लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी से संबंधित थी।
गंभीर बीमारियों के लिए 11 साल तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गई।
विशेषज्ञों ने नोटिस किया कि अध्ययन में शामिल ज्यादातर इंसानों की मौत कोरोनरी हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर से हुई।
ये वो लोग थे जिनकी शारीरिक गतिविधि और नींद दोनों में ही सुधार की गुंजाइश थी।
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इसके विपरीत, ज्यादा या मध्यम दर्जे के एक्टिव इंसानों में स्वास्थ्य और नींद की गुणवत्ता बेहतर देखने को मिली।
ऐसे लोग जवान, दुबले-पतले, आर्थिक रूप से बेहतर, अधिक फल और सब्जियां खाने वाले, कम बैठने वाले, तनाव, धूम्रपान, शराब मुक्त और शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहने वाले थे। उनकी नींद की गुणवत्ता भी अच्छी थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, नींद जितनी खराब और छोटी होगी, गंभीर बीमारियों का जोखिम उतना ही बढ़ता जाएगा।
ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी और अच्छी नींद वालों के मुकाबले, कोई एक्टिविटी न करने और खराब नींद वालों के किसी भी बीमारी से मरने की आशंका 57 फीसदी अधिक थी।
ऐसे इंसानों को विभिन्न हृदय रोगों का खतरा 67 फीसदी, किसी भी प्रकार के कैंसर का खतरा 45 फीसदी और फेफड़ों के कैंसर से मृत्यु का खतरा 91 फीसदी अधिक था।
विशेषज्ञों का मानना था कि ऐसे विश्लेषण में कमियां हो सकती है, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार के लिए शारीरिक गतिविधि और नींद की गुणवत्ता दोनों की ही महत्वपूर्ण भूमिका है।
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