अभी तक आपको केवल वियरेबल फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच या वायरलेस ईयरबड्स के बारे में ही पता होगा, लेकिन अब वियरेबल सेंसर (Wearable Sensors) भी उपलब्ध होंगे।
आसपास कोई भी खतरा होने पर ये सेंसर आपको चेतावनी दे सकते है।
यह दावा है हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों की एक टीम का।
उन्होंने सिंथेटिक बायोलॉजी प्रतिक्रियाओं को वियरेबल सेंसर की मदद से कपड़ों में जोड़ने का एक तरीका खोजा है।
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ये सेंसर विषाक्त पदार्थों और बीमारियां पैदा करने वाले जीवाणुओं का पता लगाकर पहनने वाले को सचेत कर सकते है।
हाल ही में टीम ने इस तकनीक को फेस मास्क (Face Mask) बनाने में इस्तेमाल किया है।
ये मास्क किसी मरीज की सांस में कोरोना फैलाने वाले SARS-CoV-2 वायरस की उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम बताए गए है।
बटन दबाते ही एक्टिवेट होने वाले ऐसे मास्क 90 मिनट के भीतर पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट जितना ही सटीक परिणाम देते है।
मास्क द्वारा की गई जांच किफायती है और डॉक्टर के पास जाने से पहले घर पर ही की जा सकती है।
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फेस मास्क के अलावा बायोसेंसर को वायरस, बैक्टीरिया, रासायनिक और विषाक्त पदार्थों का पता लगाने के लिए अन्य कपड़ों में भी लगाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने पहली बार इस तकनीक का उपयोग साल 2015 में जीका वायरस के प्रकोप को दूर करने के लिए एक उपकरण में किया था।
इस तकनीक को खतरनाक रोगजनकों या विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने वाले वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों और सैन्य कर्मियों की वर्दी में जोड़ा जा सकता है।
वैज्ञानिकों के इस क्रांतिकारी आविष्कार की सूचना नेचर बायोटेक्नोलॉजी पत्रिका में भी दी गई है।
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