बढ़ते कोरोनावायरस (Coronavirus) मामलों में वैज्ञानिकों ने एक बार फिर विटामिन डी की कमी (Vitamin D deficiency) को गंभीर संक्रमण और मौत के जोखिम से जुड़ा हुआ बताया है।
इज़राइल विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने अपनी स्टडी में पहले से ही विटामिन डी की कमी वालों में COVID-19 संक्रमित होने पर रोग की गंभीरता और मृत्यु दर में इजाफा पाया।
स्टडी से पता चला कि अस्पताल में भर्ती 1176 संक्रमित मरीजों में से 253 में संक्रमण से पहले ही विटामिन डी का स्तर काफी कम था।
हल्के लक्षणों वालों की अपेक्षा गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों में विटामिन डी का स्तर 20 एनजी/एमएल से भी कम मिला।
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गंभीर संक्रमण से मरने वालों में भी इस विटामिन की भारी कमी पाई गई।
हालांकि, रोग की गंभीरता और मौत के पीछे विटामिन डी का कम स्तर ही प्रमुखता से जुड़ा था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया।
स्टडी के निष्कर्ष हेल्थ साइंस और रिसर्च से संबंधित ऑनलाइन प्लेटफार्म MedRxiv पर प्रकाशित किए गए।
पिछले कई अध्ययनों ने विटामिन डी के स्तर और COVID-19 से प्रभावित होने, अस्पताल में भर्ती या गंभीर बीमारी के बीच लिंक के कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किए।
इस पर विशेषज्ञों का कहना था कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि केवल बीमार होने पर ही मरीजों में विटामिन डी के स्तर को जांचा गया था, जो अध्ययन को गलत बना सकता था।
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उनका अनुमान था कि शरीर में पहले से ही विटामिन डी का पर्याप्त स्तर होने पर संक्रमण के घातक होने की संभावना कम रहेगी।
फैट में घुलनशील विटामिन डी को लंबे समय से इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने वाला माना जाता रहा है।
इसे स्वाभाविक रूप से प्राप्त करने के लिए सुबह 11 बजे से शाम चार बजे के बीच प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट धूप में बिताना जरूरी है।
अन्य उपायों में, प्रतिदिन 800 से 1000 आईयू का सप्लीमेंट लेना बताया गया है।
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