भोजन (Diet) में परिवर्तन से गठिया, आघात, सर्जरी या नसों के लगातार होने वाले दर्द को कम या रोका जा सकता है।
ऐसी संभावना जताई है सैन एंटोनियो स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के हेल्थ साइंस सेंटर से जुड़े वैज्ञानिकों ने।
अन्य वैज्ञानिकों संग बनी उनकी एक खोजी टीम ने पश्चिमी शैली के हाई फैट भोजन (Western High-Fat Diet) को डायबिटीज (Diabetes) या मोटापे (Obesity) वाले इंसानों में दर्दीले विकारों को बढ़ाने वाला बताया है।
उनकी इस नई खोज के मुताबिक, केवल खाने-पीने में बदलाव या शरीर में कुछ फैटी एसिडों (Fatty Acids) को रोकने वाली दवाओं से पुराने दर्द वाले रोगियों का इलाज हो सकता है।
- Advertisement -
डायबिटीज, ऑटो इम्यून बीमारियों और हृदय रोगों की रोकथाम के लिए अक्सर कम चिकनाई वाला खाना खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन लगातार बने रहने वाले दर्द में फैटी एसिड, खासकर पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (Polyunsaturated Fatty Acids) की भूमिका अभी तक छुपी हुई थी।
चूहों और मनुष्यों दोनों में कई तरीकों का इस्तेमाल करके पता लगा कि पश्चिमी आहार में शामिल ओमेगा-6 पॉलीअनसेचुरेटेड फैट सूजन और न्यूरोपैथिक दर्द को पैदा करने में एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।
मोटापे बढ़ाने वाला पश्चिमी आहार, मछली, अलसी के बीज और अखरोट में मिलने वाले स्वस्थ ओमेगा -3 फैट (Omega-3 Fat) की तुलना में जंक फूड बनाने में इस्तेमाल होने वाले ओमेगा-6 फैट से बना होता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ओमेगा -6 को कम करके और ओमेगा -3 फैट वाले भोजन को बढ़ाने से विभिन्न दिक्कतों में बहुत आराम मिला।
इसके अलावा, शुगर (Diabetes) वालों की नसों का दर्द भी ओमेगा -6 फैट स्तर की अधिकता से जुड़ा हुआ मिला।
- Advertisement -
पांच साल से अधिक चलने वाली यह स्टडी नेचर मेटाबॉलिज्म पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
Also Read: ऐसा खाना खाने से बढ़ती है पेट की बीमारियां: रिसर्च