फिटनेस के शौकीनों को व्हे प्रोटीन (Whey Protein) की तरह पौधों से मिलने वाले प्रोटीन (Plant-based Protein) से भी फायदा हो सकता है।
ऐसे प्रोटीन से खासकर हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar) की समस्या वालों को ज्यादा फायदा होता है, ये मानना है वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी के न्यूट्रास्यूटिकल सेंटर में कार्यरत वैज्ञानिकों का।
न्यूट्रीएंट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित उनका नया अध्ययन बताता है कि भूख को कंट्रोल करने में आलू और चावल से बने प्रोटीन (Potato and Rice Protein), व्हे प्रोटीन जितने ही प्रभावी हो सकते है।
ऐसे प्रोटीन, व्हे प्रोटीन की तुलना में ब्लड ग्लूकोज और इंसुलिन को ज्यादा अच्छे से संभाल सकते है।
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वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान, आलू, चावल और व्हे प्रोटीन शेक पीने के बाद प्रतिभागियों के खून और पाचन संबंधी प्रतिक्रिया को मापा।
पता चला कि व्हे प्रोटीन की अपेक्षा आलू, चावल से बने प्रोटीन शेक ने इंसुलिन में इजाफे को रोका।
आलू से बने प्रोटीन ने तो इंसुलिन में जरा भी उछाल नहीं आने दिया।
इससे वैज्ञानिकों में उम्मीद जगी कि पौधे-आधारित प्रोटीन पीने के बाद ब्लड शुगर पर बेहतर नियंत्रण किया जा सकता है।
यह डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है।
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यूं तो शाकाहारियों के लिए बाजार में सोया, चावल, गेहूं और मटर से बने प्रोटीन उपलब्ध है लेकिन दूध प्रोटीन की तुलना में उनसे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के सबूतों की कमी है।
आलू प्रोटीन पौधों से मिलने वाला एक नया प्रोटीन उत्पाद है। इसका निर्माण आलू स्टार्च से होता है। आर्थिक रूप से यह एक सस्ता प्रोटीन स्रोत है।
अध्ययन ने इसके व्हे प्रोटीन का विकल्प होने का सर्वप्रथम सबूत पेश किया है।
पौधों से मिलने वाले प्रोटीन भी दूध प्रोटीन के समान ही स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते है – वैज्ञानिक अब इस धारणा पर और अधिक शोध करने की योजना बना रहे है।