मोटापा (Obesity) और वजन घटाने (Weight Loss) में भोजन की गुणवत्ता और खाने का समय बहुत महत्वपूर्ण है, ये कहना है सिंगापुर के विशेषज्ञों का।
सिंगापुर इंस्टीट्यूट ऑफ फूड एंड बायोटेक्नोलॉजी इनोवेशन (एसआईएफबीआई) के विशेषज्ञों ने वजन कम करने में कैलोरी खाने और इस्तेमाल के बीच संतुलन बैठाने से ज्यादा भोजन और उसके समय पर ध्यान देने की अधिक जरूरत बताई है। ऐसा करने से मेटाबॉलिज्म (Metabolism) ठीक रहता है।
इस धारणा को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने मेटाबॉलिज्म पर भोजन टाइमिंग और खाद्य पदार्थों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) से पड़ने वाले प्रभावों की जांच की।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स से ब्लड शुगर लेवल पर भोजन के असर को मापा जाता है।
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विशेषज्ञों की टीम ने 50 से 70 वर्ष की आयु के कुछ इंसानों को डिनर और ब्रेकफास्ट में कम या उच्च जीआई भोजन दिया। इसके बाद उनके ब्लड शुगर (Blood Sugar) पर खाने का प्रभाव जाना गया।
उनके खून के नमूनों का विश्लेषण करने पर विशेषज्ञों ने पाया कि ब्रेकफास्ट की तुलना में डिनर का ब्लड शुगर पर अधिक हानिकारक प्रभाव हुआ।
इसके अलावा, उच्च जीआई वाले भोजन को डिनर में लेने से भी ग्लूकोज (Glucose) में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव हुआ, जबकि ब्रेकफास्ट में उच्च या निम्न जीआई भोजन लेने से शुगर पर उतना असर नहीं देखा गया।
इसके अलावा, ब्रेकफास्ट की अपेक्षा डिनर के बाद इंसुलिन (Insulin) की मात्रा में जबरदस्त उछाल आया।
इंसुलिन ब्लड ग्लूकोज को कम करता है, लेकिन कभी-कभी मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन या किसी बीमारी के कारण यह हार्मोन सही काम नहीं कर पाता, जिससे शुगर नियंत्रित करने में कठिनाई होती है।
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टीम ने पाया कि डिनर के बाद इंसुलिन के स्तर में वृद्धि तो हुई लेकिन इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) का स्तर बहुत कम रहा।
इसका मतलब था कि रात के खाने के बाद न केवल ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) गड़बड़ा जाता है, बल्कि बाद के भोजन पर भी इसका असर पड़ता है।
इसलिए विशेषज्ञों का कहना था कि अच्छे मेटाबॉलिज्म के लिए डिनर और ब्रेकफास्ट में लंबा अंतराल होना चाहिए।
शाम होते-होते मेटाबॉलिज्म धीमा होना शुरू हो जाता है। ऐसे में शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज को हटाने और ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य करने में अधिक समय लेता है।
चूंकि ग्लूकोज के इस्तेमाल में समस्या उत्पन्न होने से ही मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियां विकसित होती है, इसलिए खान-पान और समय पर ध्यान देने से ही सेहत को फायदा हो सकता है।
ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह थी कि डिनर जितनी जल्दी हो सके कर लें और रात में भारी, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाने से बचें। ब्रेकफास्ट न छोड़ें, बल्कि कम जीआई वाला भोजन खाएं।
अध्ययन के निष्कर्ष बीएमजे जर्नल में प्रकाशित किए गए।