फैट (Fat) खाने से कई बीमारियां होने का खतरा जुड़ा हुआ है, लेकिन मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis), बीमारी में इसका उल्टा असर देखा गया।
बीमारी पर हुई एक नई रिसर्च का सुझाव है कि इससे प्रभावित मरीजों को भोजन में एवोकाडो, ऑलिव, बादाम और मछली से मिलने वाले ओमेगा-3 फैट (Omega 3 Fat) की ज्यादा मात्रा लेनी चाहिए।
इससे उनके मस्तिष्क (Brain) को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) में भोजन से मस्तिष्क के स्वास्थ्य को अच्छा करने संबंधित रिसर्च, न्यू यॉर्क शहर स्थित माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम की टीम द्वारा की गई।
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जांच में मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित 185 मरीज शामिल थे।
मछली, नट्स और फलों-सब्जियों वाला स्वस्थ भोजन खाने वाले मरीजों की तुलना में, तला-भुना, पैकेटबंद खाना, मीठा और जानवरों का मांस खाने वालों के दिमाग के टिश्यू कम सुरक्षित देखे गए।
अध्ययन में अधिक फैट वाले डेयरी उत्पादों और बीमारी से हुई मस्तिष्क क्षति के कम होने के बीच एक लिंक भी मिला।
वैज्ञानिकों के अनुसार, मछली और अन्य स्त्रोतों से मिलने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड भी दिमाग के लिए लाभकारी रहा।
खान-पान से मस्तिष्क स्वास्थ्य को होने वाले फायदों पर पिछले अध्ययनों ने भी सुझाव दिया था कि ऐसे भोजन से अल्जाइमर रोग को रोकने में भी मदद मिल सकती है।
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इससे बुजुर्गों के सोच-समझ वाले कौशल को बनाए रखना संभव है।
आपको बता दें कि मल्टीपल स्केलेरोसिस ऐसी लाइलाज बीमारी है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। यह अक्सर 20 और 40 की उम्र के बीच शुरू होती है। इससे प्रभावित इंसान लिखने, बोलने या चलने की क्षमता खो देते है।
ज्ञात लक्षणों में हाथों-पैरों में सुन्नता और झनझनाहट से लेकर अंधापन और पक्षाघात तक का खतरा होता है।
गौरतलब है कि यह रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं को तीन गुना अधिक प्रभावित करता है।
लेकिन विशेषज्ञ मानते है कि भोजन से मिलने वाले पोषण द्वारा एमएस के मरीजों की सेहत में सुधार लाया जा सकता है।
वर्तमान रिसर्च इसी प्रभाव के बारे में अतिरिक्त सबूत प्रदान करती है।
रिसर्च के निष्कर्ष हाल ही में एमएस और संबंधित विकार पत्रिका में प्रकाशित किए गए थे।