Cow milk benefit against Covid-19: स्पेन के वैज्ञानिकों का यह दावा किसी धार्मिक भावना में बह कर नहीं बल्कि परीक्षण पर आधारित है।
दरअसल दूध में संक्रमण के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षात्मक बायोकंपोनेंट्स होते है।
इसी को ध्यान में रखते हुए स्पेन की कॉर्डोबा यूनिवर्सिटी के पशु स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत वैज्ञानिक ऐसे अनुसंधान में व्यस्त है, जो गाय के दूध से कोरोना वायरस के नियंत्रण की संभावना पर केंद्रित है।
इससे जुड़ी जानकारी हाल ही में फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित भी हुई है।
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वैज्ञानिक ऐसा ‘क्रॉस इम्यूनिटी’ के कारण संभव बता रहे है, जिससे मिलने वाली सुरक्षा के प्रमाण उनके पास पहले से ही मौजूद है।
उनका दावा है कि बोवाइन कोरोनावायरस (BCoV) और SARS-CoV-2 वायरस की कई संरचनाएं समान है।
वास्तव में दोनों जीनस बीटाकोरोनावायरस (genus Betacoronavirus) से संबंधित हैं। इसलिए, गाय के दूध में मौजूद बोवाइन एंटीबॉडी में SARS-CoV-2 वायरस को सम्पूर्ण या आंशिक रूप से रोकने की क्षमता हो सकती है।
इससे पहले से ही संक्रमित, बिना वैक्सीन या इम्यूनिटी वालों को मदद मिल सकती है।
वैज्ञानिकों का उद्देश्य दूध से मिलने वाली उच्च स्तर की एंटीबॉडी से बना एक ऐसा सप्लीमेंट तैयार करना है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देगा।
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ऐसा दूध देने वाले जानवरों में पहले से ही बीसीओवी (BCoV) टीके लगे होने के कारण उच्च स्तर की एंटीबॉडी होगी।
हालांकि, गाय से ऐसा पोषण युक्त गुणकारी दूध बछड़े या बछड़ी के जन्म के बाद थोड़े समय के लिए ही प्राप्त हो सकता है, जिसे कोलोस्ट्रम (colostrum) कहा जाता है।
वैज्ञानिकों के सामने कोलोस्ट्रम अवधि को बढ़ाने के साथ ही अंतिम उत्पाद में एंटीबॉडी के समान स्तर को सुनिश्चित करना भी एक चुनौती है।
संतोष की बात यह है कि इस तरह के दूध से बने उत्पाद का परीक्षण पहले ही 300 से अधिक लोगों पर सुरक्षित रूप से किया जा चुका है।
बाजार में इसे उतारने से पहले गुणवत्ता, उपचार और खतरे से जुड़ा एक ओर परीक्षण किया जाएगा।
सफल होने पर यह सभी को एक निश्चित स्तर की प्रतिरक्षा प्रदान करने वाला प्राकृतिक संसाधन बन सकता है।
जानकारी के अनुसार, सितंबर 2021 तक इसे वायरस के खिलाफ एक ही खुराक वाले सप्लीमेंट के तौर पर लांच करने की योजना है।
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