योग (Yoga) और गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज (Deep Breathing Exercises) बच्चों को ध्यान केंद्रित (Focus) करने में मदद करते है, ऐसी जानकारी रूस के मनोवैज्ञानिकों ने कुछ बच्चों पर प्रयोग के बाद दी।
इस तरह की एक्टिविटी से खासकर अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर – एडीएचडी (Attention Deficit Hyperactivity Disorder – ADHD) पीड़ित बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव देखे गए।
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) एक तरह का मस्तिष्क विकार है, जो आपके ध्यान देने, स्थिर बैठने और अपने व्यवहार को नियंत्रित करने के तरीके को प्रभावित करता है।
यह बच्चों और किशोरों में होता है और बड़े होने तक जारी रह सकता है।
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इसे ठीक करने के लिए आयोजित विशेष कक्षाओं के बाद बच्चों का ध्यान सुधरता है, उनमें बेचैनी कम होती है, जल्दी नहीं थकते तथा जटिल गतिविधियों में अधिक समय तक लगे रह सकते है।
ऐसे नतीजे रूस के सबसे बड़े अनुसंधान और शैक्षिक केंद्र, यूरल फेडरल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों ने छह से सात साल की उम्र के एडीएचडी वाले 16 बच्चों पर शारीरिक गतिविधियों के प्रभाव का अध्ययन करने के बाद जारी किए।
अध्ययन के नतीजे बायोलॉजिकल साइकियाट्री पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
अपने प्रयोग में उन्होंने बच्चों को पेट भर कर गहरी सांस लेने का विशेष अभ्यास करवाया।
इस तरह की सांस लेने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन की बेहतर आपूर्ति होती है जिसका असर मस्तिष्क के उत्तेजना और चेतना बढ़ाने वाले हिस्से पर होता है।
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इस हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने पर बच्चे की एक्टिविटी बेहतर होनी शुरू हो जाती है।
इसके अलावा, बच्चों को दो से तीन महीने तक हफ्ते में तीन बार कुछ खास एक्सरसाइज भी करवाई गई।
कार्यक्रम समाप्ति के एक साल बाद बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई दिए।
मनोवैज्ञानिकों ने इसके पीछे बच्चों द्वारा सही तरीके से सांस लेने पर मस्तिष्क को ऑक्सीजन की बेहतर आपूर्ति मिलना बताया, जिससे उनके व्यवहार और मन को फायदा हुआ।
इससे पता चलता है कि ऐसे अभ्यासों का तन-मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।