मोटे पेट वाले COVID-19 रोगियों के फेफड़े संक्रमण बढ़ने पर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते है।
ऐसा छाती के एक्स-रे (Chest X-ray – CXR) से मिले परिणामों को देखने के बाद पता चला।
बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से ज्ञात मोटापे (Obesity) के मुकाबले कमर के आसपास चढ़ा हुआ फैट (Abdominal Obesity) कोरोना संक्रमण की गंभीरता को बताने में ज्यादा सक्षम होता है, यह यूरोपीय कांग्रेस ऑन ओबेसिटी में पेश हुई नई रिसर्च ने बताया।
रिसर्च को इतालवी शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती 215 संक्रमितों की जांच के बाद तैयार किया।
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छाती एक्स-रे (सीएक्सआर) की गंभीरता का स्कोर और मोटापा दोनों ही अस्पताल में भर्ती वायरस संक्रमितों के लिए ज्यादा खतरनाक है, इसकी पुष्टि एक अन्य रिसर्च ने भी की थी।
सीएक्सआर गंभीरता स्कोर (CXR Severity Score) की गणना 3 क्षेत्रों में फेफड़ों के प्रदर्शन को देखकर की जाती है।
रिसर्च में हाई सीएक्सआर गंभीरता स्कोर को 8 या उससे अधिक के रूप में परिभाषित किया गया।
मोटे पेट वाले रोगियों में बहुत ज्यादा CXR गंभीरता स्कोर मिला, जबकि बिना मोटे पेट वालों में यह थोड़ा कम था।
इसके अलावा, बीएमआई की अपेक्षा कमर के घेरे और कमर-से-ऊंचाई अनुपात ज्यादा सीएक्सआर गंभीरता स्कोर से जुड़ा हुआ था।
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मोटे पेट के मरीज सीएक्सआर गंभीरता स्कोर होने के 75 प्रतिशत ज्यादा जोखिम में थे। इस कारण उनका संक्रमण भी अधिक जानलेवा था।
ब्रोन्कियल अस्थमा (Bronchial asthma) ने भी सीएक्सआर स्कोर के जोखिम को 73 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था।
लेकिन जिन संक्रमितों में अस्पताल भर्ती के समय खून में ज्यादा ऑक्सीजन थी, उनका हाई सीएक्सआर स्कोर 4 प्रतिशत कम मिला।
शोधकर्ताओं का कहना था कि पेट का मोटापा छाती के एक्स-रे के बाद फेफड़ों के प्रदर्शन की भविष्यवाणी कर सकता है। इसलिए, अस्पताल में भर्ती हुए संक्रमितों की कमर को मापा जाना चाहिए और मोटे पेट वाले रोगियों की ध्यानपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए।
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