लिवर की बीमारी से ग्रस्त मोटे (Obese) इंसानों को कोको (Cocoa) पाउडर का सेवन करने से फायदा हो सकता है, ऐसा चूहों पर हुए एक अध्ययन से पता चला।
पिछले अध्ययनों में भी देखा गया कि चॉकलेट बनाने में इस्तेमाल होने वाले कोको पाउडर से स्ट्रोक, कोरोनरी हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल सहित कई बीमारियों का खतरा कम हुआ।
इसलिए पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मोटापे (Obesity) से प्रभावित नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) पर कोको के प्रभाव का अध्ययन किया।
आपको बता दें कि कोको बीजों से बना पाउडर, सेहत के लिए लाभकारी फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है।
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लिवर और मोटापे पर इसके सकारात्मक प्रभाव जानने के लिए वैज्ञानिकों ने फैट (Fat) देकर मोटे किए गए चूहों को आठ सप्ताह तक कोको सप्लीमेंट खिलाया।
जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल बायोकेमिस्ट्री में प्रकाशित निष्कर्षों में उन्होंने बताया कि कोको-उपचारित चूहों में अन्य चूहों की अपेक्षा 21 फीसदी कम दर से वजन बढ़ा और लिवर चर्बी में भी 28 फीसदी कमी हुई।
इसके अलावा, कोको खाने वाले चूहों में शरीर को नुकसान करने वाला ऑक्सीडेटिव तनाव 56 फीसदी और लिवर डीएनए में 75 फीसदी कम नुकसान देखा गया।
वैज्ञानिक ने ऐसा होने के पीछे कोको पाउडर में मौजूद कुछ रसायनों द्वारा फैट और कार्बोहाइड्रेट को पचाने वाले एंजाइमों को बाधित करना बताया।
परिणामस्वरूप, चूहों का शरीर फैट को पचा नहीं पाया और वह उनके पाचन तंत्र से होता हुआ बाहर निकल गया।
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वैज्ञानिकों ने इंसानों में भी कोको पाउडर खाने से ऐसी ही प्रक्रिया होने की संभावना बताई।
हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि बिना आहार को बदले सिर्फ कोको पाउडर खाना शुरू कर देने से किसी को भी लाभ नहीं होगा।
बेहतर होगा अगर ज्यादा कैलोरी वाले भोजन की जगह कोको ड्रिंक लें और एक्सरसाइज शुरू करें।