जिन लोगों के खून में ओमेगा-3 (Omega-3) ईपीए और डीएचए का लेवल अधिक होता है, उनकी आयु कम स्तर वालों की तुलना में लंबी होती है।
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर से खून में ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) की मात्रा और किसी भी बीमारी से मृत्यु होने की जांच के बाद शोधकर्ताओं ने ऐसा बताया।
अभी तक कई अध्ययनों में ओमेगा-3 को दिल, मस्तिष्क, आंखों और जोड़ों की बीमारियों के लिए लाभकारी बताया गया है, लेकिन जीवनकाल पर इस पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड के प्रभावों की जांच कम ही अध्ययनों में हो पाई।
ऐसे में खून में मौजूद ओमेगा -3 लेवल की जांच से बीमारियों में कमी और लंबी उम्र देख पाना बहुत अधिक विश्वसनीय प्रतीत होता है।
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अमेरिका के फैटी एसिड रिसर्च संघ द्वारा किया गया यह बड़ा अध्ययन, हजारों इंसानों के खून में मिले फैटी एसिड के विभिन्न स्तरों पर आधारित है।
समय बीतने पर सभी को कैसी बीमारियों का सामना करना पड़ा, यह देखने के लिए उन पर 16 साल से ज्यादा नजर रखी गई।
शोधकर्ताओं ने उनके किसी भी कारण से मृत्यु के जोखिम की जांच की तो पता चला कि जिन लोगों के खून में ईपीए और डीएचए का स्तर 90 प्रतिशत था, उनमें 10 प्रतिशत स्तर वालों की तुलना में मरने का जोखिम 13 प्रतिशत कम था।
ऐसे लोगों में हार्ट संबंधी कार्डियोवस्कुलर बीमारी, कैंसर और अन्य कारणों से होने वाली मौत की आशंका क्रमशः 15 प्रतिशत, 11 प्रतिशत और 13 प्रतिशत कम थी।
ये निष्कर्ष बताते है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड सिर्फ दिल ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते है।
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हालांकि, रिसर्च में समुद्री भोजन से प्राप्त लंबी श्रृंखला वाले ओमेगा -3 फैटी एसिड, जिनमें ईपीए, डीपीए और डीएचए शामिल है, पौधों से मिलने वाले ओमेगा -3 अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के मुकाबले खतरनाक बीमारियों से होने वाली मृत्यु को रोकने में ज्यादा ताकतवर बताए गए।