मोटे या अधिक वजन वाले मरीजों को गंभीर कोरोना होने का खतरा अधिक होता है।
इस कारण इन रोगियों को अधिक बार ऑक्सीजन और वेंटिलेशन की आवश्यकता होती है। हालांकि, स्वस्थ वजन के रोगियों को गंभीर संक्रमण होते नहीं देखा गया।
ग्यारह देशों में हुए एक अंतरराष्ट्रीय शोध से सामने आए ये निष्कर्ष डायबिटीज केयर नामक विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित हुए।
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में, अस्पताल में भर्ती ग्यारह विभिन्न देशों के 7000 से अधिक रोगियों की जांच की गई।
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इनमें से 34.8 प्रतिशत अधिक वजन वाले और लगभग 30.8 प्रतिशत मोटे थे।
मोटापे से ग्रस्त COVID-19 रोगियों को अधिक बार ऑक्सीजन लगाई गई और अन्यों की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक वेंटिलेशन की आवश्यकता हुई।
लेकिन स्वस्थ वजन वाले रोगियों की तुलना में ऐसे रोगियों में अधिक मृत्यु दर दर्ज नहीं की गई।
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, हृदय रोग या डायबिटीज जैसी बीमारियों के अलावा, ज्यादा वजन या मोटापा भी कोरोना संक्रमण को और अधिक गंभीर बना सकता है।
इसके पीछे की वजह कोशिकाओं में होने वाली गंभीर सूजन है, जो संभवतः वायरस की वृद्धि को बढ़ा सकती है।
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फ़्लू वायरस में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई है।
इसके अलावा, मोटे लोगों को सांस की तकलीफ होने की संभावना अधिक होती है, जिसके कारण वेंटिलेशन की जरूरत बढ़ सकती है।
अन्य अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों के समान ही यह अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करता है कि पुरुषों में Covid -19 संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है।
अध्ययन से यह भी पता चला कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के संक्रमितों को ऑक्सीजन की आवश्यकता और मृत्यु का खतरा अधिक होता है।
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