बच्चे को अधिक स्तनपान (breastfeeding) एक मां के हृदय रोग खतरे को कम कर सकता है, ऐसा एक अध्ययन का दावा है।
टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंसेज सेंटर के शोधकर्ताओं ने अपने नए अध्ययन में जानकारी दी है कि प्रजनन वर्षों के दौरान महिलाएं अधिक स्तनपान से वजन और पेट या दिल के आसपास चर्बी बढ़ने को रोक सकती है, जिससे हृदय रोगों के विकसित होने का खतरा कम होता है।
विभिन्न अध्ययनों से भी पता चला है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में हृदय रोग और डायबिटीज के विकास का खतरा 50 फीसदी तक कम होता है। लेकिन इनके पीछे मौजूद कारण को पूरी तरह से समझा नहीं गया था।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लंबी अवधि तक स्तनपान कराने वाली महिलाओं में अतिरिक्त वसा (fat), विशेष रूप से अंगों पर जमा विसेरल (visceral) और पेरिकार्डियल फैट (pericardial fat) पर ध्यान केंद्रित किया।
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पेरिकार्डियल फैट दिल के बाहर स्थित फैटी टिशू का एक भंडार होता है, जिसमें वृद्धि से कुछ कार्डियोवस्कुलर स्थितियां प्रभावित हो सकती है।
विसेरल फैट आमतौर पर पेट, लिवर और आंतों के पास जमा होता है। यह भी संभावित रूप से दिल के दौरे, टाइप 2 डायबिटीज, स्ट्रोक, अल्जाइमर रोग, स्तन और कोलोरेक्टल कैंसर के विकास को बढ़ा सकता है।
इसके अतिरिक्त, पेरिकार्डियल वसा में वृद्धि भी दिल पर अधिक भार डालती है और इसके धड़कने को प्रभावित कर सकती है। परिणामस्वरूप, अन्य हृदय संबंधित बीमारियां भी प्रभावित हो सकती है।
क्योंकि ये दोनों फैट इंसुलिन उत्पादन और अन्य कार्डियोमेटोबोलिक कारणों से संबंधित है, इसलिए वजन में परिवर्तन स्तनपान और इनके बीच के रिश्ते को प्रभावित कर सकता है।
ज्यादा जानकारी के लिए, खोजकर्ताओं ने 18 से 30 वर्ष की 5,000 से अधिक श्वेत और अश्वेत महिलाओं के हृदय रोग से संबंधित एक दीर्घकालिक अध्ययन का उपयोग किया।
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अध्ययन में शामिल सभी महिलाओं की 30 से अधिक वर्षों तक निगरानी की गई।
दल ने पाया कि जिन महिलाओं ने अपने प्रजनन काल में शिशुओं को लंबे समय तक स्तनपान करवाया, उनका न केवल वजन कम बढ़ा बल्कि पेट या दिल पर भी चर्बी चढ़ने का स्तर घटा हुआ था।
यही नहीं, खोजकर्ताओं को लंबे समय तक स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कम विसेरल और पेरिकार्डियल फैट दिखा।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं का कहना था कि यदि संभव हो सके तो महिलाओं को दो साल या उससे अधिक समय तक बच्चों को स्तनपान कराना चाहिए।
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