यह तो जग-जाहिर है कि नींद और एक्सरसाइज हमारे काम को प्रभावित करते है। लेकिन जंक फूड खाना कैसे हमारे प्रदर्शन को खराब करता है, इसका विशेषज्ञों ने हाल ही में अध्ययन किया।
अध्ययन में उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि नाईट शिफ्ट (night shift) में ज्यादा जंक फूड (junk food) खाने वाले अगले दिन ऑफिस में न केवल काम से बचते रहे, बल्कि सहकर्मियों की भी कम मदद की।
इसके लिए शोधकर्ताओं ने ऑफिस के दौरान 97 कर्मचारियों से लगातार 10 दिनों तक उनके काम, जीवन और खाने-पीने संबंधी आदतों को जाना।
उन्होंने पाया कि जब कर्मचारियों ने जंक फूड जैसा अस्वस्थ भोजन खाया, तो उन्हें अगली सुबह सिरदर्द, पेट में दर्द और दस्त जैसी शारीरिक तकलीफों का ज्यादा सामना करना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने ऐसा खाना खाने पर स्वयं को शर्मिंदा या दोषी भी महसूस किया।
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जंक फूड जैसे बुरे खाने से उपजे शारीरिक और भावनात्मक तनावों से काम पर उनके व्यवहार में आया बदलाव साफ देखा जा सकता था।
ऐसे कर्मचारियों ने अगले दिन न केवल कार्यस्थल पर काम करने में अनिच्छा जताई, बल्कि सहकर्मियों की भी कार्य-संबंधित समस्याओं को हल करने में मदद नहीं की।
उनके विपरीत, जो कर्मचारी तनाव से निपटने में बेहतर थे, उनमें जंक फूड खाने से कम प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिले। यही नहीं, शारीरिक और भावनात्मक तनावों के बावजूद, कार्यस्थल पर उनके बर्ताव में कम बदलाव था।
अध्ययन से शोधकर्ता यह बताने में सफल रहे कि कैसे अस्वस्थ भोजन हमारे कार्यस्थल के प्रदर्शन पर लगभग तत्काल प्रभाव डाल सकता है। इसलिए खाने-पीने का ध्यान रखने की सख्त जरूरत है।
इसके अलावा, कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की भोजन आवश्यकताओं और पसंद पर अधिक ध्यान देकर स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने में उनकी मदद कर सकती है।
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ऐसा प्रयास कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ कार्यस्थल पर उनके प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकता है।