वैसे तो एक्सरसाइज (exercise) करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन इसकी अत्यधिकता से उल्टा प्रभाव भी हो सकता है, ऐसा एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है।
स्वीडिश शोधकर्ताओं के एक दल ने पाया है कि जो लोग थका देने वाली कड़ी एक्सरसाइज करते है, उनकी कोशिकाओं को ताकत देने वाली माइटोकॉन्ड्रियल कार्यप्रणाली (mitochondrial functional) और इंसुलिन को नुकसान हो सकता है।
इसके दुष्प्रभावों में तेजी से उम्र बढ़ना, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज होना प्रमुख है।
सेल मेटाबॉलिज्म पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर के सहन करने की एक सीमा है और इस सीमा से परे ट्रेनिंग करने पर स्वास्थ्य लाभ के बजाय नुकसान की ज्यादा संभावना होती है।
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शरीर पर एक्सरसाइज के असर को देखने के लिए शोधकर्ताओं ने इसे इसकी सीमा तक धकेलने का परीक्षण किया।
उन्होंने 11 स्वस्थ युवाओं से चार सप्ताह के लिए कुछ निश्चित समय तक एक्सरसाइज बाइक (exercise bike)चलवाई।
पहले चरण में युवाओं ने बाइक को तेजी से पेडल मारते हुए 36 मिनट तक चार से आठ मिनट रुक-रुक कर चलाया। दूसरे चरण में 90 मिनट तक और एक हफ्ते के भीतर ही हुए तीसरे चरण में 152 मिनट तक तेजी से चलाया।
प्रयोग के दौरान शोधकर्ताओं ने माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन और इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) देखने के लिए ग्लूकोज को मापा।
उम्मीद के मुताबिक, पहले दो चरणों में इंसुलिन सामान्य रहा और माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन में सुधार हुआ।
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लेकिन तीसरे चरण में अधिकांश युवाओं के इंसुलिन पर डायबिटीज के मरीजों जैसा असर दिखने लगा। माइटोकॉन्ड्रियल रेस्पिरेशन (mitochondrial respiration) प्रक्रिया में भी पहले चरण की अपेक्षा औसतन 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
हालांकि, युवाओं की पावर क्षमता और ऑक्सीजन की खपत में सुधार हुआ, लेकिन ज्यादा समय तक कड़ी एक्सरसाइज करने से थकने पर शरीर एक सप्ताह के बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया।