लंबे समय से कोरियाई चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले लाल जिनसेंग से फेफड़ों के कैंसर को रोकने की बात सामने आई है।
कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (KIST) ने खुलासा किया है कि बीमारी में प्रभावी लाल जिनसेंग के दो जिंसनोसाइड (Ginsenosides), आरके1 (Rk1) और आरजी5 (Rg5), कैंसर कोशिकाओं को शरीर के दूसरे हिस्से में फैलने से रोकते है।
आपको बता दें कि जिंसनोसाइड (Ginsenosides) में ही जिंसेंग के औषधीय गुण मिलते है।
वैज्ञानिकों ने माइक्रोवेव प्रसंस्करण विधि का उपयोग करते हुए जिनसेंग में मौजूद Rk1 और Rg5 जिंसनोसाइड को और प्रभावी बनाया।
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इसके बाद उन्होंने Rk1 और Rg5 से फेफड़ों के कैंसर की कोशिकाओं का इलाज किया और दिखाया कि दोनों जिंसनोसाइड ने TGF-β1 नामक साइटोकिन प्रोटीन द्वारा प्रेरित कैंसर कोशिकाओं के विकास से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से बाधित किया।
वैज्ञानिक मानते है कि इस सफल प्रयास से भविष्य में प्राकृतिक उत्पादों से बनी कैंसर विरोधी दवाओं के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
अध्ययन के नतीजे जिनसेंग अनुसंधान से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘जर्नल ऑफ जिनसेंग रिसर्च’ में प्रकाशित हुए।
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